संविधान संशोधन की बात सुन मुलायम के छूटे पसीने, बोले...
नई दिल्ली। भारतीय संविधान की कुछ धाराओं में संशोधन के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर सभी विपक्षी दल एक जुट होकर सरकार के विरोध में खड़े हो गये हैं। इसी बीच संविधान में संशोधन की बात सुनकर मुलायम सिंह यादव के पसीने छूट गये।
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हाल ही में मुलायम सिंह यादव ने एससी-एसटी एवं करीब दर्जन भर पिछड़ी जातियों के लोगों का एक सम्मेलन किया था। असल में मुलायम को लग रहा है कि जिस तरह बिहार में लालू यादव और नीतीश कुमार जाति के कार्ड को खेल कर बिहार की सत्ता पर काबिज हुए, उसी तरह अपने पुत्र अखिलेश को वे 2017 में दोबारा सत्ता में ला सकते हैं।
अलग-अलग पिछड़ी-अगड़ी जातियों को अपने साथ लाने के लिये मुलायम पिछले कई महीनों से विशेष अभियान चला रहे हैं। इसके तहत लाखों रुपए के खर्च पर विशेष आयोजन किये जा रहे हैं। ऐसे में जब केंद्र सरकार ने संविधान में संशोधन की बात कही तो मुलायम के पसीने छूट गये। मुलायम को कहीं न कहीं यह लगा है, "ऐसा न हो कि भाजपा शासित केंद्र आरक्षण के नियमों में बदलाव कर दे। अगर ऐसा हुआ तो मेरी सारी मेहनत पर पानी फिर सकता है।"
केंद्र सरकार को दी चेतावनी
इसी घबराहट में मुलायम ने केंद्र सरकार को चेतावनी दे डाली कि वो आरक्षण के नियमों में कोई संशोधन नहीं करे। मुलायम ने कहा कि छोटे-छोटे लाभ पाने के लिये संविधान में फेर बदल अच्छी बात नहीं है। सरकार को यह गारंटी देनी होगी कि भविष्य में वो संविधान में कोई संशोधन नहीं करेगी। और तो और यह भी गारंटी देनी होगी कि आरक्षण के नियमों में कोई परिवर्तन नहीं होगा।
मुलायम ने कहा कि कोई भी देश ऐसा नहीं है जो जल्दी-जल्दी संविधान में फेरबदल करती हो, जैसे कि हम करते हैं। उन्होंने कहा, "क्या नेताओं की नई जैनरेशन अम्बेडकर से ज्यादा इंटेलीजेंट हो गई है, जो संशोधन की बात की जा रही है। डा. राम मनोहर लोहिया हमेशा से संधोधन के खिलाफ थे, हम भी खिलाफ हैं।"
मुलायम बोले, "गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह तो कहा है कि पिछड़ी जातियों को दिया जाने वाला कोटा समाप्त नहीं किया जायेगा, लेकिन यह नहीं कहा कि रिजर्वेशन पॉलिसी में बदलाव किये जा सकते हैं, जैसा कि वो आरएसएस चीफ के इशारे पर कर सकते हैं।"