मोदी के 'आदर्श ग्राम' बनाने के सपने पर पानी फेर रहे पार्टी के सांसद
चुनाव
से
पहले
मोदी
ने
भारत
के
गावों
को
आदर्श
गांव
बनाने
का
सपना
ग्रामीण
जनता
को
दिखाया
था।
मगर
मोदी
के
आदर्श
ग्राम
के
सपनों
पर
पार्टी
के
सांसद
पानी
फिराते
नजर
आ
रहे
हैं,
मोदी
की
महत्वाकांक्षी
सांसद
आदर्श
ग्राम
योजना
को
निर्देशों
के
बावजूद
सांसदों
ने
अबतक
गांवों
को
गोद
नहीं
लिया
है।
महज
सात
सांसदों
ने
ही
अब
तक
गांवों
को
गोद
लेकर
इसकी
सूचना
ग्रामीण
विकास
मंत्रालय
को
दी
है।
11
अक्टूबर
को
योजना
की
शुरुआत
करते
वक्त
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
सभी
सांसदों
से
अपील
की
थी
कि
वे
इस
कार्यक्रम
को
लागू
करें।
ग्रामीण विकास मंत्री नितिन गडकरी ने उन सभी सांसदों को पत्र के जरिए हिदायत दी है कि वह पीएम के निर्देशों की अवहेलना नहीं करें और जितना जल्द हो सके एक-एक गांव गोद लेकर इसकी सूचना संबंधित जिले के कलेक्टर, राज्य सरकार और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को दे दें। पत्र के मुताबिक, दिशा निर्देश में दी गई समय सीमा के अनुसार यह काम योजना के शुरू होने के एक महीने के अंदर किया जाना है।
पत्र के मुताबिक, हमें ग्राम पंचयात की पहचान करने की तत्काल जरूरत है, जिन्हें आदर्श ग्राम में विकसित किया जाना है। सांसदों से कहा गया है कि वे गांव का चयन करते समय ये ध्यान रखें कि वो अपने या अपने जीवन साथी के गांव को न चुनें। गडकरी ने कहा कि इस योजना के आसान तथा प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उनका मंत्रालय हर तरह की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। गडकरी ने कहा, इस संदर्भ में मैं आपके सक्रिय सहयोग तथा भागीदारी चाहता हूं।
गडकरी ने सासंदों से कहा है कि वे आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) के तहत उन ग्राम पंचायत की पहचान तत्काल करें, जिन्हें 2016 तक आदर्श ग्राम में तब्दील किया जाना है।