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एक मां ने बेटा खोकर बेटी को बचाने का दिखाया साहस

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ambulance india
चेन्नई। एक मां ही औलाद के दर्द को भली-भांति समझ सकती है। मां का दिल कितना बड़ा होता है इसे न तो कभी कोई लेखक अपने शब्दों और वाक्‍यों में पिरो पाया और न ही कोई कवि इसे अपने सुरों में बयां कर पाया। चेन्‍नई की एक मां ने गत दिन कुछ ऐसा कारनामा किया कि सभी की आंखें खुली की खुली रह गईं और लोग अपनी मां को याद करने लगे।

गत सोमवार को चेन्‍नई के मलर फोर्टिस अस्‍पताल में एक माला आया जिसमें एक महिला को धड़कते दिल की यानी की जिंदा दिल की जरूरत थी। अब इतने बड़े और व्‍यस्‍त शहर में भला कौन अपना दिल दान करेगा लेकिन एक मां थी जिसने अपने बेटे का दिल निकालकर अन्‍जान बेटी के दिल में लगा दिया।

सोमवार को चेन्‍नई के चेंगलपेट स्थित सरकारी अस्‍पताल में एक मामला आया। यहां एक लड़के को इमरजेंसी केस में लाया गया था जिसके अंतर्गत लड़का सड़क दुर्घटना का शिकार हुआ था और उसके सिर पर काफी गंभीर चोटें आई थीं। डाक्‍टरों ने इलाज के दौरान ही लड़के को मृत घोषित कर दिया। इसी दौरान डाक्‍टरों ने यह भी बताया कि लड़के का दिल अभी जिंदा है और इसे किसी दूसरे के सीने में समय रहते लगााया जा सकता है। इससे किसी अन्‍य को जिंदगी दी जा सकती है।

जब लड़के की मां को यह पता चला कि वह अपने मृत बेटे के दिल को कहीं दान कर सकती है तो उन्‍होंने तुरंत अंगदान विभाग से इस मामले की बात की। पता चला कि फोर्टिस अस्‍पताल में एक महिला भर्ती है जिसे एक धड़कते दिल की सख्‍त जरूरत है। फिर क्‍या था, मां ने दिल दान करने के लिए हामी भर दी। चेंगलपेट अस्‍पताल से फोर्टिस अस्‍पताल की दूरी 14 किमी थी और एंबुलेंस ने इस दूरी को महज 12 मिनट में ही तय कर दी। अस्‍पताल पहुंचते ही आपरेशन शुरु किया गया और लड़की को डाक्‍टरों ने एक नई जिंदगी दे दी।

जब मां ने कहा:

लड़के की मां ने बताया कि मेरा बेटा चेन्‍नई में इंजीनियरिंग की नौरी ढूंढ़ने के लिए आया हुआ था। इसी दौरान उसकी सड़क दुर्घटना में मृत्‍यु हो गई। एक मां कभी भी ऐसा नहीं सोच सकती। मैंने अपने बेटे की पर‍वरिश में कोई कमी नहीं की। चूंकि अब मेरा बेटा जिंदा नहीं है और उसका दिल अभी भी जिंदा है इसलिए मैं अपने बेटे के दिल को दान करना बेहतर समझती हूं। मेरा बेटा भी किसी दूसरे को ही जिंदगी देना चाहता था। अंगदान गापनीयता मापदण्‍डों के अनुसार मां और बेटे का नाम नहीं बताया जा सकता है।

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English summary
While a heart was being transported in an ambulance through a "green corridor" to save the life of a young woman on Monday, a middle-aged woman sat sobbing on a bench at the Government General Hospital in Chennai.
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