प्रदूषण ने ले ली 80 हजार जानें, दिल्ली-मुंबई को हुआ 70 हजार रुपए का नुकसान
आंकड़ों की बात की जाए तो दिल्ली और मुंबई में सिर्फ 2015 में ही 30 साल से अधिक की उम्र के 80,665 लोगों की मौत हो चुकी है। यह मौतें वायु प्रदूषण की वजह से हुई हैं।
नई दिल्ली। मेट्रो शहरों में कितना प्रदूषण है यह वहां रहने वाला किसी शख्स से पूछेंगे तो भले ही वह आंकड़े न जानता हो, लेकिन यह जरूर कह देगा कि प्रदूषण इतना है कि सांस लेना भी मुश्किल लगता है। अगर आंकड़ों की बात की जाए तो दिल्ली और मुंबई में सिर्फ 2015 में ही 30 साल से अधिक की उम्र के 80,665 लोगों की मौत हो चुकी है। यह मौतें वायु प्रदूषण की वजह से हुई हैं। इसकी पुष्टि बॉम्बे के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्लनोलॉजी ने की है। आपको बता दें कि 1995 में यह आंकड़ा 39,000 था। 2015 में वायु प्रदूषण से इन दो शहरों को करीब 70,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जो कि देश की जीडीपी का 0.71 फीसदी है।
दिल्ली
में
पीएम10
से
हुईं
अधिकतर
मौतें
रिसर्च
करने
वालों
के
अनुसार
वायु
प्रदूषण
का
सबसे
अधिक
प्रभाव
लोगों
के
स्वास्थ्य
पर
ही
पड़ा
है।
इसमें
सबसे
अधिक
प्रभाव
पीएम10
का
रहा
है।
पीएम10
के
चलते
ही
दिल्ली
में
सबसे
अधिक
मौतें
हुई
हैं।
पीएम10
का
स्तर
गाड़ियों
से
निकले
धुएं,
निर्माण
कार्यों
से
उड़ती
धूल
और
उद्योगों
की
वजह
से
बढ़ता
है।
रिसर्च
में
यह
बात
सामने
आई
है
कि
वायु
प्रदूषण
से
दिल्ली
में
1995
तक
19,716
लोगों
की
मौत
हुई
थी,
जबकि
1995
से
2015
के
बीच
48,651
लोगों
की
मौत
हो
गई।
वहीं
दूसरी
ओर,
मुंबई
में
1995
तक
19,291
मौतें
हुई
थीं
और
उसके
बाद
2015
तक
मौतों
की
संख्या
बढ़कर
32,014
हो
गई।
वहीं
दूसरी
ओर
दिल्ली
के
पर्यावरण
मंत्री
इमरान
हुसैन
ने
बुधवार
को
संसद
में
कहा
कि
दिल्ली
में
प्रदूषण
का
स्तर
नहीं
बढ़
रहा
है।
दिल्ली
के
मुख्यमंत्री
अरविंद
केजरीवाल
ने
कुछ
समय
पहले
ही
कहा
था
कि
अगर
प्रदूषण
बढ़ता
है
तो
ऑड-इवन
फॉर्मूला
फिर
से
लागू
किया
जाएगा।
वहीं
मजेदार
बात
यह
है
कि
ऑड
इवन
के
समय
वायु
प्रदूषण
सामान्य
स्थिति
के
मुकाबले
अधिक
पाया
गया।