मोदी के दिग्गज मंत्री ने कहा, 'मैं खुद मांसाहारी हूं, लोग क्या खाना चाहते हैं, यह उनकी पसंद है'
केंद्रीय मंत्री बोले मैं खुद मांसाहारी हूं, केंद्र सरकार लोगों की खाने की पसंद में कोई भी हस्तक्षेप नहीं कर रही है।
नई दिल्ली। केंद्रीय शहरी और विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने बीफ विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोग क्या खाना खाएं यह उनकी इच्छा का विषय है, उन्होंने कहा कि मैं खुद मांसाहारी हूं। न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि कुछ बददिमाग लोग इस तरह की बात करते रहते हैं कि भाजपा लोगों को शाकाहारी बनाना चाहती है, यह लोगों की पसंद है कि वह क्या खाना चाहते हैं और क्या नहीं खाना चाहते हैं।
मांसाहारी हूं, फिर भी प्रदेश अध्यक्ष बना
नायडू ने कहा कि एक राजनीतिक दल ने बयान दिया है कि भाजपा सभी लोगों को शाकाहारी बनाना चाहते हैं और इसपर एक टीवी डिबेट भी की गई। लेकिन मैंने अपने पत्रकार दोस्तों से कहा कि मैंन हैदराबाद में भाजपा अध्यक्ष हूं और मैं खुद मांसाहारी हूं, बावजूद इसके मुझे प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया है।
पीएम रखते हैं नवरात्र में व्रत
भाजपा के कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह हैं जो शाकाहारी हैं और ये नवरात्र में भी व्रत रखते हैं। नायडू ने कहा कि खाने की पसंद लोगों का मौलिक अधिकार है कि वह अपनी पसंद का खाना चुन सके। लेकिन जब केंद्र सरकार ने मवेशियों की खरीद-फरोख्त को लेकर नया कानून बनाया तो इसका मकसद मवेशियों की अवैध तरीके से खरीद फरोख्त पर पाबंदी लगाई गई है ताकि इन्हें बाहर नहीं काटा जाए।
राज्य सरकारों ने किया विरोध
पश्चिम बंगाल और केरल के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के इस फैसले को लोगों की खाने की पसंद में हस्तक्षेप बताया था, इन लोगों ने आरोप लगाया था कि सरकार लोगों के खान-पान पर पाबंदी लगाना चाहती है। इसके विरोध में कई बीफ पार्टियों का केरल और तमिलनाडु में आयोजन किया गया। यहां तक की पूर्वोत्तर भारत में इस बात को लेकर विवाद खड़ा हुआ जहां बीफ खाना यहां की परंपरा में है, दो भाजपा नेताओं ने इस विवाद के चलते पार्टी से इस्तीफा भी दे दिया, इन नेताओं ने केंद्र सरकार के फैसले को उनकी संस्कृति और खान-पान की परंपरा पर हमला बताया था।
कोर्ट ने रुख साफ करने को कहा
मद्रास हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी कि जिसमें केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी, इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर राज्य और केंद्र सरकार अपना रुख साफ करें। केंद्रीय मंत्री नायडू ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय जो नियम लेकर आया है उसका मकसद लोगों की खान पान की आदतों में बदलाव नहीं है। यह नया नियम जानवरों पर बर्बरता को रोकने के लिए लाया गया है।