26 जून को डिनर टेबल पर क्या पीएम मोदी, ट्रंप को पाकिस्तान पर सख्ती के लिए राजी कर पाएंगे?
नई दिल्ली। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो गए हैं। पीएम मोदी का पहला पड़ाव पुर्तगाल है और आखिरी नीदरलैंड। पुर्तगाल के बाद और नीदरलैंड जाने से पहले पीएम मोदी अमेरिकी राजधानी वॉशिंगटन में होंगे। उनके इस पड़ाव पर भारत और अमेरिका के अलावा पाकिस्तान और चीन की भी नजरें हैं। पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात जिस समय हो रही होगी उस समय भारत में ज्यादातर लोग सो रहे होंगे लेकिन फिर भी वे इस मुलाकात से जुड़ हर जानकारी चाहेंगे। आइए आपको बताते हैं कि पीएम मोदी जब इस बार ट्रंप से मुलाकात करेंगे तो दोनों के बीच किन मुद्दों पर चर्चा की संभावना है।
26 जून को आएगी वह घड़ी
26 जून यानी सोमवार को पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की पहली मुलाकात होगी। दोनों एक वर्किंग डिनर पर साथ होंगे और जिस समय पीएम मोदी यहां पहुंचेंगे उस समय भारत में रात के करीब एक बज रहे होंगे। दोनों नेता इस वर्किंग डिनर पर पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद पर चर्चा करेंगे और साथ ही रणनीतिक साझेदारी और एच-1बी वीजा पर भी चर्चा होगी।
पीएम मोदी और ट्रंप के बीच वीजा पर चर्चा
विलसन सेंटर में साउथ एशिया प्रोग्राम के डिप्टी डायरेक्टर माइकल कुगेलमैन की मानें तो पीएम मोदी निश्चित तौर पर एच-1बी वीजा का मुद्दा ट्रंप के सामने उठाएंगे। भले ही कई लोग इस पर आशा भरी नजरों से देख रहे हों लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप कभी भी उन उपायों का वादा नहीं करेंगे जो अमेरिकियों की नौकरी के आड़े आएगा। ऐसे में यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि दोनों की मुलाकात में यह मुद्दा किस निष्कर्ष पर पहुंचेगा।
रणनीतिक साझेदारी
यह वह क्षेत्र है जिस पर दोनों नेताओं का ध्यान सबसे ज्यादा होगा। दोनों ही देश कई बार रणनीति साझेदारी को मजबूत करने का जिक्र कर चुके हैं लेकिन कभी भी इस बारे में विस्तार से कोई चर्चा नहीं हुई है। कुगेलमैन का कहना है कि दोनों ही देश अभी तक यह तय करने में असफल रहे हैं कि रणनीतिक साझेदारी आखिर क्या है। भारत के लिए रणनीतिक साझेदारी का मतलब टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और हथियारों की बिक्री की दिशा में अमेरिका के करीब होना है। वहीं अमेरिका के लिए रणनीतिक साझेदारी का मकसद इन दोनों बातों के साथ ही साथ ज्वॉइन्ट मिलिट्री ऑपरेशंस और साथ ही साथ युद्ध साथ में लड़ने की इच्छा जाहिर करना है।
चीन का होगा जिक्र
मोदी और ट्रंप दोनों ही चीन की ओर से बढ़ती चिंताओं का जिक्र भी करेंगे। चीन, भारत और अमेरिका दोनों के लिए ही एक ऐसा मुद्दा बन गया है जिसे काफी सावधानीपूर्वक संभालना होगा। दोनों ही देश ऐसा कुछ नहीं करना चाहते हैं जिससे चीन की भावनाएं भड़कें। कुगेलमैन के मुताबिक चीन को लेकर ट्रंप ने अपना रुख थोड़ा बदला है लेकिन पीएम मोदी के पास अचछा मौका है कि वह चीन की गुस्ताखियों का जिक्र ट्रंप से करें।
आतंकवाद और पाकिस्तान
कुगेलमैन का मानना है कि अमेरिका, भारत से पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान आईएसआईएस के खिलाफ जारी जंग में उसका साथ बनने के लिए कह सकता है। भारत कई बार इस गठबंधन सेना का हिस्सा बनने से साफ इनकार कर चुका है। इस बार भी अगर ऐसा कोई ऑफर ट्रंप की ओर से दिया जाता है तो पीएम मोदी इनकार कर सकते हैं। हालांकि पीएम मोदी, ट्रंप से यह अनुरोध जरूर कर सकते हैं कि वह पाकिस्तान के जेहादियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाएं।
भारतीयों पर हमले
कुगेलमैन के मुताबिक यह एक बड़ा सवाल है कि क्या पीएम मोदी, राष्ट्रपति ट्रंप के सामने भारतीयों पर होते हमले और श्रीनिवास कुचीभोतला की हत्या का मुद्दा उठाएंगे या नहीं। ट्रंप की तरफ भारतीयों पर होने वाले हमलों को लेकर कोई भी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया नहीं आई है। उन्होंने कुचीभोतला की हत्या पर एक बयान जारी किया लेकिन वह भी एक हफ्ते बाद जब उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस में अपना पहला संबोधन दिया।