मोदी का पहरा! बच्चों को खिलाया जंक फूड तो खैर नहीं
नई दिल्ली। मैगी का हश्र आप सबने देखा, ऐसा ही हाल अब चाउमिन-मंचूरियन लगाने वाले उन ठेलों का होगा, जो स्कूली बच्चों को जंकफूड बेचते हैं। यही नहीं अगर किसी स्कूल की कैंटीन में चाउमिन-बर्गर बिकते हुए पाया गया, तो स्कूल की मान्यता रद्द तक हो सकती है। यह सब इसलिये क्योंकि अब जंक फूड पर मोदी सरकार का पहरा लग गया है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने स्कूली बच्चों में जंक फूड के प्रति बढ़ रही चाहत को नियंत्रित करने का फैसला किया है। इसके लिये गठित समिति ने ने 23 देशों में जंक फूड के नियमन संबंधी कानूनों की समीक्षा की और अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी। अब ऐक्शन!
ये हैं सिफारिशें-
-
जंक
फूड
को
स्कूल
की
कैन्टीनों
में
प्रतिबंधित
किया
जाये।
- जंक फूड की बिक्री करने वालों और खोमचे वालों को स्कूल के समय के दौरान और स्कूल से 200 मीटर के दायरे में इन्हें बेचने की अनुमति नहीं हो।
-
दुकानों
और
रेस्त्रां
को
स्कूल
से
200
मीटर
के
दायरे
में
जंक
फूड
उन
बच्चों
को
बेचने
से
रोका
जाएगा,
जो
स्कूल
की
यूनीफॉर्म
में
हों।
-
स्कूल
कैन्टीनों
को
स्वीकृत
खाद्य
सामग्री
की
सूची
उपलब्ध
करायी
जाए।
- पैकेट बंद जंकफूड पर लेबल अनिवार्य किया जाये जिस पर लिखा होगा, "यह खाद्य वस्तु शिशुओं/बच्चों/गर्भवती और दुग्धपान कराने वाली माताओं तथा निर्दिष्ट बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए अनुपयुक्त है।"
- स्कूल स्वास्थ्य कार्ड में पोषण संबंधी पक्ष भी जोड़ा जाए।
- स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम का नाम बदलकर स्कूल स्वास्थ्य एवं पोषण कार्यक्रम किया जाए।
अगर ये सिफारिशें लागू कर दी गईं, तो स्कूली बच्चों को जंकफूड को खिलाने वालों की खैर नहीं होगी। खैर चलिये अब स्लाइडर में पढ़ते हैं कि ये जंक फूड में क्या-क्या चीजें आती हैं और यह बच्चों के स्वास्थ्य पर कैसे असर डालता है-
जंक फूड के खिलाफ मोदी की जंग
समिति में नीति आयोग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, आयुष विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारतीय मानक ब्यूरो, एफएसएसएआई, राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान, आईसीएमआर शामिल हैं।
जंक फूड में आने वाली वस्त
फाइड राइस, चउमिन, मंचूरियन, बर्गर, चौपसी, पैक्ड कुकीज़, पैन केक, माइक्रोवेव पॉपकॉर्न, फ्रोज़ेन मील्स, कोल्ड ड्रिंक्स, योगर्ट, कैचअप, नूडल्स, आदि।
जंक फूड में आने वाली वस्तुएं
पैकेट में मिलने वाले कुरकुरे नमकीन, चिप्स, पैक्ड पिज्जा, फाइड चिकन, पासता, फ्रेंच फ्राइस, टोको, आदि।
क्या होता है जंक फूड खाने से
इससे बच्चों में मोटापा बढ़ता है। मधुमेह व हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है।
दिमाग पर असर
जंक फूड का सीधा असर दिमाग पर पड़ता है इससे मनोवैज्ञानिक समस्याओं के होने का खतरा होता है।
कम पोषण
जंक फूड खाने शरीर को कम पोषण मिलता है और उनका आत्मविश्वास कम होने लगता है।
किडनी पर असर
जंकफूड खाने से किडनी पर असर होता है। क्योंकि इसमें सोडियम-पोटेशियम की मात्रा संतुलित नहीं होती।
कैंसर का खतरा
यूरोप के वैज्ञानिकों का कहना है कि अत्याधिक जंक फूड खाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।