मायावती को लेकर सख्त रहे मुलायम, नहीं बुलाया शादी में
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) यूं तो कल लालू यादव की बेटी राज लक्ष्मी और मुलायम सिंह यादव के पौत्र के विवाह समारोह में सब लोग थे, पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती या उनके दल का कोई भी नेता वहां पर मौजूद नहीं था।
छानबीन करने पर मालूम चला कि मायावती को वर या वधू पक्ष ने विवाह समारोह में भाग लेने के लिए बुलाया ही नहीं। जाहिर है कि उनके विवाह समारोह में भागल लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
वैसे सब नेता थे
अशोक होटल में हुए समारोह में सब दलों के नेता थे। सब लोग खुश थे। वर-वधू को आशीर्वाद देने के बाद लजीज भोजन का आनंद लिया जा रहा था। पर मायावती के ना होने की कुछ लोगों ने बात की। कमी इस लिहाज से खली कि जब सब दलों के नेता होटल में हो सकते थे, तो मायावती क्यों नहीं।
मुलायम-मायावती में कटु संबंध
जानकारों ने बताया कि चूंकि बसपा नेता और मुलायम सिंह के बीच लंबे समय से बेहद कटु संबंध चल रहे हैं। इसलिए मुलायम का उन्हें बुलाने का सवाल नहीं था। इस बीच, मायावती ने मोदी सरकार के पहले रेल बजट को पूर्णत प्रभावहीन बताते हुए कहा है कि देश की गरीब व आमजनता को दिखाये गये बड़े-बड़े सपनों व उम्मीदों के हिसाब से इसमें कुछ भी नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के लोगों को खासतौर पर यह रेल बजट काफी ज्यादा मायूस करने वाला है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा है कि रेल से यात्रा करने वाले करोड़ों लोगों के लिये रेल बजट में न तो कोई फौरी राहत दी गई है और न ही अपेक्षित सुविधा। मायावती ने कहा है कि रेल मंत्री का बजट भाषण भी मोदी सरकार की तरह ही बातें अधिक और काम कम की परम्परा का निवर्हन करने वाला ज्यादा लगता है।
देश में रेलवे स्टेशनों का बुरा हाल है और यात्री सुविधा की बड़ी दयनीय स्थिति है, उस पर भी खास कुछ ध्यान नहीं दिया गया। बजट भाषण में केवल अच्छी-अच्छी या बड़ी-बड़ी बातें करने से रेलवे की व्यवस्था में सुधार न अब तक हुआ है और न ही आगे हो पायेगा। इसलिये असल में काम करके दिखाना होगा।
इतना ही नहीं बल्कि रेल मंत्रालय में आरक्षित पदों पर लम्बे समय से खाली बैकलाग की भर्ती के सम्बन्ध में भी कोई ठोस कार्रवाई करने का उल्लेख नहीं करके दलितों व अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों की घोर अनदेखी की गई है।