ये है इस्तीफे के बाद मायावती का मास्टर प्लान, योगी आदित्यनाथ की बढ़ी टेंशन
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस तरह के गठबंधन पर सकारात्मक बयान दे ही चुके हैं।
नई दिल्ली। सभी के मन में सवाल है कि राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद मायावती का अगला कदम क्या होगा? आखिर किस तरीके से मायावती अपने पॉलिटिकल करियर में निखार लाएंगी? मिली जानकारी के मुताबिक मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा गुस्से में आकर नहीं दिया है बल्कि ये इस्तीफा एक प्लानिंग के तहत हुआ है। मायावती अपनी राजनीति सेट करने के लिए फूलपुर से लोकसभा का उप-चुनाव लड़ सकती हैं और इस लड़ाई में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी उनका साथ देंगे।
फूलपुर से यूपी में हो सकती है महागठबंधन की शुरुआत
राजनीति के गलियारों में एक सुगबुगाहट और जोर पकड़ रही है। दबी जुबान में बीएसपी के खेमे में चर्चा है कि बहन जी उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा से उप चुनाव में खड़ी हो सकती हैं। वह भी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के समर्थन के साथ। यानी साल 2019 से लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में महागठबंधन का एक प्रयोग फूलपुर लोकसभा के उप चुनाव के वक्त किया जा सकता है।
मायावती को मिल सकता है अखिलेश का साथ
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस तरह के गठबंधन पर सकारात्मक बयान दे ही चुके हैं। वहीं मायावती ने भी पिछले दिनों भाजपा को रोकने के लिए किसी के भी साथ हाथ मिलाने का बयान दिया था। भाजपा को शिकस्त देने की तैयारी में जुटा विपक्ष इसके लिए यूपी में महागठबंधन की तैयारी में जुटा है। बिहार में राजनीतिक संकट के बीच जहां लालू यादव का विपक्ष को एकजुट करने को लेकर 27 अगस्त की रैली अभी प्रस्तावित ही है। बसपा सूत्रों की माने तो यूपी की विधानसभा चुनाव के बाद खाली हुई लोकसभा सीट में महागठबंधन मायावती को प्रत्याशी बनाने पर विचार कर रहा है।
फुलपुर में होना है उपचुनाव
दरअसल उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट से मौजूदा वक्त में भाजपा के केशव प्रसाद मौर्य सांसद हैं।यूपी विधानसभा चुनाव के बाद मौर्य, यूपी सरकार में उप मुख्यमंत्री बन चुके हैं। लिहाजा उप राष्ट्रपति चुनाव के बाद उनका और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का अपनी गोरखपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा देना तय है। जिसके बाद फूलपुर और गोरखपुर में उप चुनाव होंगे।
मुश्किल में बीजेपी !
लोकसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा की अभीतक की रणनीति के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस उपचुनाव से दूर रहेंगे। ऐसे में जाहिर है कि सीएम योगी आदित्नाथ पर ही लोकसभा की दोनों सीटें जीतने का दबाव होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि मायावती के महागठबंधन की प्रत्याशी बनने के बाद योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक कौशल की भी पूरी परीक्षा हो जाएगी।