शहीदों हम शर्मिंदा है, सरकार के पास जवानों के अंतिम संस्कार के लिए भी पैसा नहीं
रायपुर। देश के लिए जवान अपना सबकुछ न्योछावर करके अपने जान की परवाह किये बगैर अपनी जान तक लुटा देते हैं। लेकिन इन्ही जाबांज सैनिको के अंतिम सस्कार के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं। छत्तीसगढ़ में नक्सल हमलें में शहीद हुए जवान के परिवार से अंतिम संस्कार के लिए प्रदेश सरकार ने पैसे मांगकर शहीदों के परिवार ही नहीं पूरे देश को शर्मशार कर दिया है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने 2011 में माओवादी हमले में मारे गए जवान के परिजनों को 10 हजार रुपए की रिकवरी का नोटिस थमा दिया। जिसके बाद प्रदेश सरकार के घिनौने कृत्य की हर तरफ निंदा हो रही है। हालांकि हर तरफ से सरकार की हो रही आलोचना के बाद सरकार ने अपना नोटिस वापस ले लिया है।
गौरतलब है कि पिछले तीन दिनों में छत्तीसगढ़ में चार माओवादी हमलों में पुलिस के 13 जवान मारे गए हैं। ऐसे वक्त जब सरकार को जवानों के परिवार के साथ चट्टान के साथ खड़े रहना चाहिए था सरकार इन जवान के परिवारों को शर्मिंदा कर दिया है।
आपको बता दें कि जिस शहीद जवान के परिजन को 10 हजार रुपए का नोटिस थमाया गया है वो गरियाबंद जिले में 23 मई 2011 को माओवादी हमले में शहीद हुए थे। इनमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समेत पुलिस के 9 जवान शहीद हुए थे। इस हमले में गरियाबंद के स्पेशल पुलिस ऑफिसर किशोर पांडेय भी शामिल थे। वहीं सरकार की इस नोटिस पर कांग्रेस सरकार ने कड़ी आलोचना की है।