पूर्व पीएम मनमोहन सिंह बोले-भारतीय विश्वविद्यालयों में स्वतंत्र सोच और खुली अभिव्यक्ति खतरे में
देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों में आज के समय में स्वतंत्र सोच और खुली अभिव्यक्ति पर खतरा है।
नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों में आज के समय में स्वतंत्र सोच और खुली अभिव्यक्ति पर खतरा है। पूर्व प्रधानमंत्री और राज्य सभा सांसद मनमोहन सिंह ने कहा कि हैदराबाद विश्वविद्यालय और जेएनयू में छात्रों की स्वतंत्र सोच और खुली अभिव्यक्ति में किया जा रहा हस्तक्षेप खासतौर पर चिंता का विषय है। उन्होंने शांतिपूर्ण असहमति दबाने के लिए अहितकर और अलोकतांत्रिक करार दिया है।
कोलकाता के प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय में 84 वर्षीय मनमोहन सिंह ने कहा कि यह खेद का विषय है कि भारतीय विश्वविद्यालयों में स्वतंत्र सोच और खुली अभिव्यक्ति पर अब खतरा है। आज के समय में शांतिपूर्ण असहमति को दबाने के प्रयास न सिर्फ सीखने के लिए अहितकर, बल्कि अलोकतांत्रिक भी हैं। मनमाहेन सिंह ने आगे कहा कि सही राष्ट्रवाद वहां पाया जाता है जहां छात्रों, नागरिकों को सोचने और खुलकर बोलने के लिए प्रेरित किया जाता है। उन्होंने कहा और यह सिर्फ रचनात्मक संवाद के जरिए ही संभव होता है। उन्होंने हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला आत्महत्या प्रकरण का परोक्ष तौर पर उल्लेख किया।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि देश के विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में नियुक्ति में राजनैतिक हस्तक्षेप बेहद अच्छा निर्णय नहीं है और इसमें दूरदर्शिता का अभाव साफ झलकता है। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि हमें अपने विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता की रक्षा करने का प्रयास करना चाहिए और विचारों को व्यक्त करने के हमारे छात्रों के अधिकारों को प्रोत्साहित करना चाहिए।