मणिपुर हमला- जानिए कैसे आतंकियों को ठिकाने लगा रही है भारतीय सेना
नई दिल्ली। जिस तरह से भारतीय सेना ने म्यांमार की सीमा में घुसकर अबतक का सबसे मुश्किल आपरेशन किया है उसने सेना के हौसले को बुलंदियों पर पहुंचा दिया है। इस अभियान में सौ से भी अधिक सेना के जवाव हेलीकाप्टर के जरिए पहुंचे और आतंकियों के ठिकानों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया।[मणिपुर हमले में चीन का हाथ]
अभी
चलता
रहेगा
अभियान
यह एक ऐसा अभियान है अभी भी एक दो हफ्तों तक खत्म नहीं होने वाला है। इन आतंकियों के खात्मे के लिए यह जरूरी है कि म्यांमार के भीतर इन्हें किसी भी तरह की जगह नहीं मिले और ये भारतीय सीमा पर आने को मजबूर हो। सूत्रों ने वनइंडिया को बताया कि इसके लिए म्यांमार भारत की मदद कर रहा है कि ये आतंकी भारतीय सीमा पर आने को मजबूर हो।
आतंकियों
को
हर
जगह
से
खत्म
करेंगे
जिन आतंकियों को भारतीय सेना ने बुरी तरह से म्यांमार में घुसकर मार गिराया है उससे यह साफ है कि ये बदले की कार्यवाही अवश्य करेंगे। ऐसे में सीमा की सुरक्षा और चौकसी को काफी बढ़ा दिया गया है। मेजर जनरल रणधीर सिंह ने कहा कि सेना के पास इस बात की जानकारी है कि आतंकी एक बार फिर से हमले की कोशिश करेंगे इसी के चलते उन्हें खत्म करने के लिए ऑपरेशन शुरु कर दिया गया है।
दोनों
देशों
के
बीच
हैं
समन्वय
आतंकी एक बार फिर से उसी तरह से हमले की तैयारी कर रहे थे जैसे उन्होंने मणिपुर में किया था। रणधीर सिंह ने कहा कि हमारे जवान अभी भी म्यांमार की सीमा में है और इन आतंकियों के खात्मे के लिए अभियान जारी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के खुफिया एजेंसी पूरी तरह से समन्वय बनाये हैं और इस अभियान को तेजी से आगे बढ़ा रही हैं।
भारत
की
जमीन
को
इस्तेमाल
करना
नहीं
होगा
आसान
अब
वहीं इन आतंकियों को स्थानीय लोगों से मिलने वाली मदद पर भी सेना पूरी तरह से नजर रखे हुए है। आतंकी स्थानीय लोगों की मदद से सेना की गतिविधियों पर नजर रखते हैं। लेकिन जिस तरह से भारतीय सेना ने अपना सर्च ऑपरेशन शुरु किया है उसके बाद आतंकियों की मदद करना अब आसान नहीं होगा साथ ही भारत की जमीन पर आतंकियों को अब नयी गतिविधि को अंजाम देना बहुत मुश्किल होने वाला है।
आतंकियों के नेता हैं अगला निशाना
इन आतंकी संगठनों के नेता कभी भी हमलों में खुद सामने नहीं आते हैं जबकि वो जंगल या अन्य देशों में बैठकर इन गतिविधियों को अंजाम देते हैं। सेना और आईबी का अगला लक्ष्य इन नेताओं पर निशाना साधना होगा।