महाराष्ट्र के मुसलमानों ने नहीं जताया मुलायम सिंह पर भरोसा
मुंबई (विवेक शुक्ला)। उत्तर प्रदेश में जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो लोगों ने कहा कि इस जीत के पीछे मुसलमानों का बड़ा हाथ है। लेकिन खास बात देखिये महाराष्ट्र के मुसलमानों ने मुलायम पर जरा भी भरोसा नहीं जताया। बजाये उनके हैदराबाद की मजलिस-ए-इत्तहादुल मुसलिमीन (एमआईएम) की तरफ झुकते हुए नजर आये। बेहद साम्प्रदायिक आधार पर अपनी कैंपेन चलाने वाली इस पार्टी ने पहली बार हैदराबाद से बाहर कहीं चुनाव लड़ा और बेहतर प्रदर्शन किया।
महाराष्ट्र में सपा को सिर्फ एक सीट मिली। उसके उम्मीदवार अबू आजमी जीत गए। लगता यह है कि मुसलमानों की रहनुमाई करने वाली सपा के लिए खतरे की घंटी बज गई है। उसके महाराष्ट्र में दो उम्मीदवार जीत गए। भायखला में एमआईएम के उम्मीदवार वारिस यूसुफ पठान ने भाजपा के मधुकर चव्हाण को हराया तो औरंगाबाद सैंट्रल में उसके उम्मीदवार इम्तियाज जलील ने अखिल भारतीय सेना की गीता गवली को हराया। गीता गवली मशहूर डॉन अरुण गवली की पत्नी हैं।
औरंगाबाद ईस्ट से पार्टी के उम्मीदवार अब्दुल गफ्फार कादरी बेहद कम अंतर से हारे। इस शुरुआत से गदगद है। जाहिर तौर पर पार्टी को मुसलमानों का उक्त सीटों पर समर्थन मिला। पार्टी के एक नेता का कहना है कि कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत से ही ये जीत हो पाई है। पार्टी के लिए ये एक अच्छी शुरुआत है और इसके बाद पार्टी अन्य राज्यों में भी पार्टी के प्रचार-प्रसार का काम शुरू करेगी।