महाराष्ट्र में आदिवासी फंड से नहीं हो सकेगा घोटाला!
मुंबई। आदिवासी समुदाय के विकास के लिए आने वाले फंड में होने वाली गड़बड़ी औऱ घोटालों को रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार कड़ी निगरानी शुरू करेगी। राज्य में आदिवासी समुदाय के कल्याण से सम्बन्धित खर्च के लिए 11000 करोड़ का फंड निर्धारित है। इसका खर्च कहां-कहां होता है औऱ होता भी है या नहीं या कहीं घोटाले का शिकार हो जाता है। इसको पता लगाने के लिए राज्य सरकार कमर कसती नजर आ रही है।
आदिवासी कल्याण विभाग की ओर से आदिवासी परिवार के स्वास्थ्य और शिक्षा आदि पर खर्च के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा विभागों को फंड जारी किए जाते हैं। लेकिन इसकी निगरानी व्यवस्था नहीं है। जिससे जरूरतमंद तक इसका लाभ नहीं पहुंच पाने की आशंका लगाता बनी रहती हैं।
आदिवासी कल्याण फंड से विभिन्न विभागों की ओर से समुदाय के विकास करने के उद्देश्य से विकास कार्यक्रम आयोजित करने औऱ इसके लिए प्रयास करने के प्रावधान हैं। आदिवासी विकास मंत्री विष्णु सावरा ने कहा है कि इन फंड के चलन की निगरानी की जाएगी।
नियुक्त होंगे विशेष अधिकारी
जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार फंड की निगरानी के लिए विशेष तौर पर आईएएस अफसरों की नियुक्तियां करेगी। विशेष अफसरों की नियुक्ति आदिवासी फंड से जुड़े विभागों और आदिवासी क्षेत्रों के लिए की जाएगी। जिनकी जिम्मेदारी जारी किए जाने वाले फंड के खर्च पर निगरानी करना होगा।