अफगानिस्तान में हुआ था M777 तोपों का प्रयोग, अब बनेंगी इंडियन आर्मी की ताकत
यूएस आर्मी और यूएस मरीन कॉर्प्स ने एम777 को वर्ष 2005 में शामिल किया था। आज ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और सऊदी अरब की सेनाएं इनका प्रयोग कर रही हैं। इस हफ्ते के आखिरी में सेना को मिलेंगी नई तोपें।
नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच अल्ट्रा लाइट एम777 हॉवित्जर तोपों को लेकर एक डील अब अपने मुकाम पर पहुंच चुकी है। इस हफ्ते भारत को अमेरिका से एक, दो नहीं बल्कि पूरी 145 हावित्जर तोपें मिलेंगी। इंडियन आर्मी को इसके साथ ही 30 वर्ष नई तोपें हासिल होंगी। आर्मी पिछले कई समय से अच्छी और नई तोपों की कमी को महसूस कर रही थी। अब आर्मी के बेड़े में एक नया हथियार शामिल होगा। भारत ने अमेरिका से जो नई तोपें ली हैं वह 22,000 करोड़ के मॉर्डनाइजेशन प्लान के तहत खरीदी गई हैं।
25 होंगी देश में तैयार
इसी वर्ष फरवरी में खबर आई थी कि अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की ओर से एक एग्रीमेंट तैयार करके भारतीय रक्षा मंत्रालय को भेजा गया है। इस एग्रीमेंट के साथ भारत को अमेरिका से 145 हॉवित्जर गन्स मिलेंगी। इन 145 में से 25 को बीएई तैयार करेगी और बाकी तोपों को महिंद्रा की ओर से एसेंबल किया जाएगा।
अफगानिस्तान में हुई प्रयोग
यूएस आर्मी और यूएस मरीन कॉर्प्स ने एम777 को वर्ष 2005 में शामिल किया था। आज ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और सऊदी अरब की सेनाएं इनका प्रयोग कर रही हैं। इन तोपों को ने अफगानिस्तान की लड़ाई में पहली बार अपनी ताकत परखी थी और दुश्मन को धूल चटाई थी।
क्या है खासियत
एम777 हॉवित्जर तोप दूसरी तोपों के मुकाबले काफी हल्की हैं। इनके निर्माण में टाइटेनियम का प्रयोग होता है।
चीन पर रहेगी नजर
भारत इन तोपों को 17 माउंटेन कॉर्प्स में तैनात कर सकता है। भारत की मंशा इन तोपों को चीन से सटे 4,057 किमी स्थित एलएसी यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर तैनात करने की है।
क्या है माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स
इन अमेरिकी तोपों को 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स के लिए लिया जा रहा है। 90,274 ट्रूप्स वाली इस कॉर्प्स पर 64,678 करोड़ की लागत आएगी और वर्ष 2021 में यह अस्तित्व में आ जाएगी।
स्कैंडल ने डाला खरीद पर असर
30 वर्ष पहले जब बोफोर्स स्कैंडल हुआ उसके बाद भी इंडियन आर्मी को एक भी तोप नहीं मिल सकी थी। इस स्कैंडल ने आर्मी के लिए खरीदी जाने वाली हॉवित्जर गन की कई बड़ी डील्स को खासा प्रभावित किया
जून 2006 में हुई डील
जून 2006 में हॉवित्जर तोपों को खरीदने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत शुरू हुई। अगस्त 2013 में अमेरिका ने हॉवित्जर का नया वर्जन देने की पेशकश की जिसकी कीमत 885 मिलियन डॉलर थी।
भारत भी तैयार कर रहा है धनुष
भारत ने करीब दस वर्ष पहले इन तोपों के लिए अमेरिका से मांग की थी। लेकिन वहीं भारत बोफोर्स का अपग्रेडेड वर्जन धनुष नाम से तैयार करने में लगा हुआ है।
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