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BJP नेता के बेटे से बचाई गई लड़की बोलीं, 'लकी हूं कि रेप के बाद किसी नाले में मरी नहीं मिली'

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नई दिल्‍ली। हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला द्वारा लड़की से छेड़छाड़ मामले में पीडि़ता ने शनिवार रात घटना पर बयान दिया है। पीडि़ता ने उस दहशत के मंजर को याद करते हुए बताया कि कैसे आरोपी विकास बराला और उसका दोस्त उसे अकेला देख आधी रात को उसका पीछा करते रहे। युवती ने मीडिया से बातचीत में समय पर एक्शन लेने के लिए चंडीगढ़ पुलिस को भी शुक्रिया कहा है।

BJP नेता के बेटे से बचाई गई लड़की बोलीं, 'लकी हूं कि रेप के बाद किसी नाले में मरी नहीं मिली'

हालांकि साथ ही कहा कि अगर वह किसी आम आदमी की बेटी होती, तो शायद ही पुलिस इतनी मुस्तैदी दिखाती। आपको बता दें कि पीडि़ता का नाम वर्निका है जो पेशे से DJ हैं और उनके पिता विरेंद्र कुंडु सीनियर IAS अधिकारी हैं। वर्निका ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 'मैं लकी हूं कि रेप के बाद किसी नाले में मरी नहीं मिली'।

फेसबुक पर 'मेरे हाथ कांप रहे थे, कमर जकड़ रही थी और...

''चंडीगढ़ पुलिस को शुक्रिया जिसने मेरे कॉल पर एक्शन लिया। पुलिस ने सिस्टम में मेरे भरोसे को फिर से जिंदा कर दिया है। सेक्टर 8 मार्केट से रात 12.15 बजे घर के लिए निकली और फोन पर एक दोस्त से बात करते हुए सड़क पार करके सेक्टर 7 में घुसी ही थी कि तभी मुझे लगा कि एक कार मेरा पीछा कर रही है। सफेद रंग की SUV कार मेरी कार के साथ-साथ चलने लगी तब तक मैं सेक्टर 7 में थी और सेक्टर 26 के सेंट जॉन्स की तरफ बढ़ रही थी। एसयूवी में दो लड़के आधी रात को एक अकेली लड़की को छेड़कर मजा ले रहे थे। ये लोग इस तरह से मेरा पीछा कर रहे थे कि कई बार मुझे लगा कि ये मेरी कार को ठोंक देंगे। तब तक मैं अलर्ट हो चुकी थी इसलिए मैंने सेंट जॉन्स से राइट टर्न लेने का प्लान किया जो थोड़ा बिजी और सेफ माना जाता है। लेकिन राइट टर्न लेने वक्त एसयूवी ने रास्ता रोक दिया जिससे मुझे सीधे सेक्टर 26 की सड़क लेनी पड़ी।

मैंने अगले टर्न पर फिर राइट लेने की कोशिश की लेकिन इस बार तो उनलोगों ने सीधे मेरी कार के सामने अपनी गाड़ी लगाई और पैसेंजर सीट पर बैठा लड़का उतरकर मेरी तरफ बढ़ने लगा। मैंने तुंरत बैक गियर लगाई और इससे पहले कि वो फिर मेरे पास आते, तेजी से अगला राइट टर्न लिया। इस दौरान मैंने 100 नंबर पर फोन करके पुलिस को अपनी हालत और लोकेशन बताई। फोन पर पुलिस ने कहा कि वो जल्दी पहुंच रहे हैं। मैं अब मेन रोड पर पहुंच चुकी थी और 15 सेकेंड से एसयूवी नहीं दिखी तो मुझे लगा कि फोन करता देख वो भाग गए होंगे लेकिन मैं गलत थी। मेरे हाथ कांप रहे थे, कमर जकड़ रही थी, कुछ हक्की-बक्की और कुछ आंखों में आंसू लिए मैं ये सोच रही थी कि पता नहीं आज घर लौट पाऊंगी भी कि नहीं।

इन लड़कों ने 6 किलोमीटर तक लगातार मेरा पीछा किया और इस रोड के आखिर में ट्रैफिक लाइट के पास मेरी कार का रास्ता रोक दिया। पैसेंजर सीट से फिर एक लड़का उतरकर मेरी तरफ बढ़ा, पता नहीं कैसे लेकिन मैंने कार को रिवर्स गियर में डाला और राइट की तरफ दिखी थोड़ी सी जगह से लगातार हॉर्न बजाती कार निकाली ताकि वहां गुजर रही दूसरी गाड़ियां मेरी हॉर्न सुनकर देखें कि दिक्कत क्या है कि ये लगातार हॉर्न बजा रही है। तब तक वो लड़का मेरी कार के पास पास आ चुका था। उसने मेरे कार के विंडो पर जोर से हाथ मारा और गेट खोलने की कोशिश की। तभी मेरी नजर एक पुलिस कार पर पड़ी, मैं लगातार हॉर्न बजा रही थी।

कुछ पुलिस वाले दौड़कर आए और एसयूवी वालों को पकड़ा। डर से कांपती मैं सीधे घर गई और अपने पिता वीरेंद्र कुंडु को सब कुछ बताया और फिर उनके साथ एफआईआर करने वापस गई। दोनों लड़के गिरफ्तार हो चुके थे जो निश्चित रूप से प्रभावशाली परिवार से हैं और राजनीतिक कनेक्शन रखते हैं। चंडीगढ़ पुलिस को शुक्रिया क्योंकि अगर उनके जवान समय पर नहीं आते तो शायद आज मैं ये स्टेट्स नहीं लिख पाती। अगर देश के सबसे सेफ शहर में एक लड़की के साथ ऐसा हो रहा है तो हम कहां जा रहे हैं। मैं चकित हूं कि जिस शहर में हर रेडलाइट पर कैमरा लगा है और हर 200 मीटर पर पुलिस वाले हैं वहां इन लड़कों ने कैसे सोच लिया कि ये मेरी कार में घुस सकते हैं या मुझे अपनी कार में खींच सकते हैं सिर्फ इसलिए कि वो एक ताकतवर परिवार से हैं।

ऐसा लगता है कि मैं एक आम आदमी की बेटी ना होने की वजह से खुशकिस्मत हूं नहीं तो इन वीआईपी लोगों के खिलाफ खड़ा होने की उनके पास क्या ताकत होती है। मैं इसलिए भी खुशकिस्मत हूं क्योंकि मैं रेप के बाद किसी नाले में मरी नहीं पड़ी हूं। अगर ये चंडीगढ़ में हो सकता है तो कहीं भी हो सकता है। लेडीज, अपनी सुरक्षा के लिए खुद सतर्क रहें, कोई गाड़ी अगर आपको तंग कर रहा है तो उसकी गाड़ी का नंबर नोट करिए। जैसे ही कोई पीछा करना शुरू करे तुरंत पुलिस को फोन करिए। अपने मां-बाप को फोन करिए और उनको बताइए कि आप कहां हैं और किस हालत में हैं। सुरक्षित तरीके से जैसे भी भाग सकती हैं, भागने की कोशिश करिए। आपकी जान सबसे बड़ी चीज है। अगर वो आपके पास आता है तो जो भी चीज मिले उसे हथियार बनाकर खुद को बचाइए। पिछली रात तक मैं किसी भी हथियार की फैन नहीं थी, चाहे वो बंदूक हो, डंडा हो, गोल्फ स्टिक हो या चाकू लेकिन ये आपको ज्यादा सेफ और आत्मविश्वास से भरे होने का अहसास कराएंगे।''

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English summary
On Friday night, a young woman drove furiously through the streets of Chandigarh as two men allegedly chased her in their white Tata Safari SUV.
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