नौकरी खोजते लखनऊ के मर्द और पटना की औरतें
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) हालांकि देश में आर्थिक विकास तो हो रहा है, पर लगता है कि हिन्दीभाषी सूबों में हालात अब और बेहतर होने की संभावनाएं मौजूद है रोजगार के अवसर सर्जित करने के लिहाज से। नेशनल सैंपल सर्वे आर्गेनाइजेशन की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ में देश के बड़े प्रमुख शहरों में सबसे ज्यादा पुरुषों कोनौकरी की तलाश है।
उधर, बिहार की राजधानी पटना में औरतों को नौकरी बाकी किसी भी बड़े शहर की तुलना में ज्यादा चाहिए। यानी यहां पर बाकी किसी भी बड़े शहर की तुलना में ज्यादा औरतें राजगार खोज रही हैं। ये आंकड़े साल 2011-12 के हैं। यानी देश के दो खास हिन्दी सूबों की राजधानियों में रोजगार की संभावनाएं अब भी कोई बहुत बेहतर नहीं है। इसलिए इनमें रोजगार के अवसर बढ़ाए जाने की जरूरत है।
बेहतर हालात दक्षिण में
एच.आर मामलों के एक्सपर्ट राजीव सक्सेना ने कहा कि हालांकि बीते चंदेक सालों के दौरान हिन्दी भाषी राज्यों में रोजगार के अवसर तो बड़े हैं पर वे देश के दक्षिण या पश्चिमी राज्यों की तुलना में कम हैं। इधर की सरकारें अब भी उस तरह से अपने यहां रोजगार के अवसर नहीं बढ़ा पा रही है। इनमें निवेश नहीं आ रहा। निवेश नहीं आएगा तो रोजगार कहां से आएगा।
एक्टिव हुई उत्तर प्रदेश सरकार
हालांकि उत्तर प्रदेश में तो सरकार फिर भी एक्टिव हो गई है, पर बिहार में हालात न के बराबर ही सुधरे हैं। यूपी में चीन की कई कंपनियां निवेश लेकर आ रही हैं। पर बिहार में तो हालात पहले की तरह से है। इसलिए बिहारियों को रोजगार के लिए अपने घर छोड़ना ही पड़ता है।
निवेश आएगा
जानकार मानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया अमेरिका,चीन और साउथ कोरिया जैसे देशों की यात्राओं के चलते देश में मोटा निवेश आ रहा है । तब रोजगार के हर जगह अवसर तेजी से बढ़ेंगे। इसलिए बेहतर दिनों की संभावना तो है।