2018 में ही लोकसभा चुनाव करा सकती है मोदी सरकार, ये रही वजह
नई दिल्ली। अब देश में राज्यों की विधानसभा के लिए और लोकसभा के चुनाव एक साथ ही कराए जा सकते हैं। इस बात की संभावना इसलिए है क्योंकि ज्यादा से ज्यादा राज्यों में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा के चुनाव कराए जाने की संभावना पर सरकारी स्तर पर चर्चा होने लगी है। माना यह भी जा रहा है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव को समकालीन बनाने के लिए ही अगले साल 2018 के नवंबर दिसंबर में लोकसभा के चुनाव कराए जा सकते हैं।
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अगले साल ही हो सकते हैं चुनाव
यह बात दीगर है कि देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार भी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाने की पक्षधर है ऐसे में संभावना इस बात की है कि ऐसा अगले साल ही हो सकता है। बता दें कि अगले साल छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान,मिजोरम और कर्नाटक में चुनाव हैं। ऐसे में इस बात की संभावना है कि चुनाव अगले साल ही कराए जा सकते हैं।
सरकार ले रही है राय
अंग्रेजी समाचार पत्र द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों का यह कहना भी है कि इस राजनीतिक बदलाव को समझने के लिए लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ सुभाष कश्यप समेत कई सचिवों की राय जानने की कोशिश हो रही है। पीएम मोदी भी यह कई बार कह चुके हैं कि लगातार चुनाव होने से ना सिर्फ सरकार के कामकाज पर असर पड़ता है बल्कि देश पर आर्थिक बोझ भी बढ़ता है।
राजनीतिक सहमति आसान नहीं
बता दें कि फिलहाल जो प्रावधान हैं उनके अनुसार चुनाव समय से 6 माह पहले ही कराए जा सकते हैं। इस प्रावधान में बदलाव के लिए संविधान संशोधन नहीं करना पड़ेगा। हालांकि इसके लिए राजनीतिक सहमति बनाा आसान नहीं है। साल 2018 में जिन राज्यों में चुनाव है उसमें कर्नाटक और मिजोरम को छोड़ दें तो बाकी तीनों जगह भाजपा की सरकार है।
सहमति बन गई तो
यदि सहमति बन भी जाएगी तो तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा सरीखे राज्यों में भी लोकसभा के साथ ही चुनाव कराए जाएंगे क्योंकि इन तीनों राज्यों की मौजूदा विधानसभाओं का कार्यकाल अप्रैल 2019 तक है।
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