भूतपूर्व रेलमंत्री एलएन मिश्रा मर्डर केस: 40 साल बाद आया फैसला, आरोपियों को उम्रकैद
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा हत्याकांड में 40 साल बाद फैसला आया है। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने हात्या के दोषी करार चारों आरोपियों को उम्रकैद की सजा दी है। इसके साथ ही इन पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। आपको बताते चलें कि इससे पहले आठ दिसंबर को इन चारों आरोपियों को दोषी करार दिया गया था। चारों आरोपियों के नाम आनंदमार्गी गोपालजी, रंजन द्विवेदी, संतोषानंद और सुदेवानंद है।
गौरतलब है कि मिश्र बतौर रेलमंत्री दो जनवरी, 1975 को समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर ब्रॉडगेज रेलवे लाइन के उद्घाटन के लिए समस्तीपुर स्टेशन पर एक समारोह में मौजूद थे, तभी वहां एक बम विस्फोट हुआ। घायल रेलमंत्री को वहां से काफी दूर दानापुर के रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां अगले दिन उनका निधन हो गया था। घटना के बाद 24 जनवरी 1975 को आरोप पत्र दाखिल हुआ था।
चार साल तक बिहार में ही मामले की सुनवाई चली। इस दौरान मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। फिर अभियुक्तों की निष्पक्ष जांच की मांग पर 17 दिसंबर 1979 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया।