आज से तीन तलाक खत्म, 5 में से 3 जजों ने बताया असंवैधानिक
नई दिल्ली। देश में अब तीन तलाक अंसवैधानिक घोषित हो गया है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय जजों की बेंच में से 3 ने इसे असंवैधानिक बताया है। सबसे पहले अपना फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर ने कहा कि अदालत अपने विशेष शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दे रही है कि 6 महीने के भीतर तीन तलाक पर कानून बनाएं। कानून बनाने के लिए 6 महीने का वक्त दिया है और तब तक के लिए तीन तलाक पर रोक लगा दी गई है। जेएस खेहर ने कहा कि संसद इस मसले पर 6 महीने का कानून बनाएं। खेहर ने कहा कि राजनीतिक दल अपने अपने पूर्वाग्रह से ऊपर उठकर समाज और देश के लिए आगे आएं।
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खेहर ने कहा कि तालाक-ए-बिद्दत संविधान के अनुच्छेद 14,15,21 और 25 का उल्लंघन नहीं कर रहा है वहीं जस्टिस खेहर और जस्टिस नजीर के अलावा तीन अन्य जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताया है। संवैधानिक पीठ के सभी पांच जजों में से 3 जजों ने इसे असंवैधानिक करार दिया है। जस्टिस नरीमन, यूयू ललित और जस्टिस कुरियन ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताया है।
बता दें संवैधानिक पीठ में 5 में 3 जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया, ऐसे में 3-2 के बहुमत के आधार पर तीन तलाक को असंवैधानिक करार दे दिया गया।
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा
इस फैसले पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि अब समान नागरिक संहिता की ओर आगे बढ़ना होगा। वहीं केंद्रीय मंत्री मेनका संजय गांधी ने कहा कि यह फैसला अच्छा है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के लिए समानता के युग की शुरुआत है।
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने 6 दिनों तक मामले की सुनवाई की थी और 18 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में केंद्र सरकार समेत कई पक्षकार शामिल थे।
मामले में ये हैं पक्षकार
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार,ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड,ऑल इंडिया मुस्लिम विमने पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य पक्षकारों ने अपने बयान और पक्ष दर्ज कराए।इससे पहले तीन तलाक पर चल रही सुनवाई के पांचवे दिन बुधवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा था।
ये बेंच कर रह रही थी सुनवाई
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जे. एस. खेहर, जस्टिस कुरियन जोसफ, जस्टिस आर. एफ. नरीमन, जस्टिस यू. यू. ललित और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर की संवैधानिक बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही थी।
ये है तीन तलाक
ट्रिपल तालक, भारत में प्रचलित तलाक का एक रूप है, जिससे एक मुस्लिम व्यक्ति कानूनी तौर पर तीन बार तलाक बोलकर अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है। ये मौखिक या लिखित हो सकता है, या हाल के दिनों में टेलीफोन, एसएमएस, ईमेल या सोशल मीडिया जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भी तलाक दिया जा रहा है।
पीएम मोदी ने तीन तलाक पर कहा था
पीएम मोदी ने तीन तलाक के मुद्दे पर खुलकर बयान दिया था, तमाम महिलाओं ने पीएम मोदी से तीन तलाक को खत्म करने की गुहार लगाई थी। यूपी में चुनाव रैलियों के दौरान भी भाजपा के कई नेताओं ने तीन तलाक को खत्म करने की बात कही थी। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने भुवनेश्वर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा था कि मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की वजह से काफी मुसीबात का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे पर भाजपा का रुख बिल्कुल साफ है।
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