ईरान, पाकिस्तान समेत दुनिया के इन देशों में गैर-कानूनी है तीन तलाक
वो देश जहां गैर कानूनी है तीन तलाक
नई दिल्ली। देश में तीन तलाक को लकर लंबे वक्त से चल रही बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला देते हुए इसे अंसवैधानिक घोषित कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय जजों की बेंच में से तीन ने इसे असंवैधानिक बताया है। भारत के सुप्रीम कोर्ट ने इसे भले ही अब असंवैधानिक बताया है लेकिन दुनिया के बहुत से मुस्लिम बहुल मुल्कों में ये पहले से ही गैर-कानूनी है। इन देशों पाकिस्तान, ईरान और मलेशिया जैसे देश शामिल हैं।
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इन देशों में बैन है तीन तलाक
दुनिया के इन देशों में तीन तलाक को गैर-कानूनी माना जाता है।
- पाकिस्तान
- जॉर्डन
- मिस्र
- ट्यूनीशिया
- बांग्लादेशब
- ब्रूनाई
- यूएई
- इंडोनेशिया
- ईराक
- श्रीलंका
- तुर्की
- साइप्रस
- सीरिया
- अल्जीरिया
- ईरान
- मलेशिया
फैसले में क्या बोले सुप्रीम कोर्ट के जज
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय जजों की बेंच में से 3 ने इसे असंवैधानिक बताया है। सबसे पहले अपना फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर ने कहा कि अदालत अपने विशेष शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दे रही है कि 6 महीने के भीतर तीन तलाक पर कानून बनाएं। कानून बनाने के लिए 6 महीने का वक्त दिया है और तब तक के लिए तीन तलाक पर रोक लगा दी गई है। जेएस खेहर ने कहा कि संसद इस मसले पर 6 महीने का कानून बनाएं। खेहर ने कहा कि राजनीतिक दल अपने अपने पूर्वाग्रह से ऊपर उठकर समाज और देश के लिए आगे आएं।
क्या है तीन तलाक, क्यों है इस पर विवाद
तीन तलाक, भारत में प्रचलित तलाक का एक रूप है, जिससे एक मुस्लिम व्यक्ति तीन बार तलाक बोलकर अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है और इसे मान लिया जाता है। ये मौखिक या लिखित हो सकता है, या हाल के दिनों में टेलीफोन, एसएमएस, ईमेल या सोशल मीडिया जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भी तलाक दिया जा रहा है। ऐसे में तलाकशुदा महिला को समाजी और आर्थिक तौर पर भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। तीन तलाक को लेकर सामाजिक, धार्मिक और औरतों के लिए काम करने वाले संगठनों में लंंबे समय से टकराव रहा है। मुस्लिमों में भी इसको लेकर लोगों में दो-फाड़ देखने को मिलता रहा है। मामले को लेकर मुस्लिम औरतों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।