शराबबंदी के बाद शराबी हुए बिहार के चूहे, गटक गए 9 लाख लीटर शराब
एसएसपी मनु महाराज ने जिले में तैनात सभी थानेदारों को और पुलिस अधिकारियों व कर्मियों का ब्रेथ एनलाइजिंग टेस्ट कराने का फैसला भी सुना चुके हैं।
पटना। बिहार में शराबबंदी के बाद से जहां बूंद-बूंद शराब के लिए शौकीन तरस रहे हैं वहीं वहां के चूहों की चांदी हो गई है। जी हां बिहार के चूहे 9 लाख लीटर शराब गटक गए हैं। दरअसल हुआ यह है कि शराबबंदी के फैसले के दौरान राज्य में लाखों लीटर शराब जब्त की गई थी। अब खबर ये आ रही है कि जब्त की गई शराब की खेप मालखाने में रखे-रखे चूहे गटक गए। खबर मीडिया में आने के बाद बिहार पुलिस मुख्यालय ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
पुलिस की अजीबो-गरीब थ्योरी
जानकारी के अनुसार राज्य में जब से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू हुई है तबसे पुलिस द्वारा जप्त की गई शराब की बोतलें थाने के मालखाने से गायब हो गई हैं। जब इस मामले में एसपी ने पूछताछ की तो लगभग सभी थानेदारों का कहना था कि शराब की अधिकतर बोतल मालखाना पहुंचने से पहले या तो टूट कर नष्ट हो गईं। जो बोतलें सुरक्षित मालखाने में रखी गई थीं उन्हें चूहे ने गटक लिया।
चक्कर खा गए SP साहब
थानेदार द्वारा इस तरह की बातें कहे जाने के बाद जिले के SP भी चकरा गए और सभी थानेदारों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि अब थाने के मालखाने से गायब हो रही शराब की बोतल का हिसाब राज्य पुलिस मुख्यालय को देना होगा और ऐसा नहीं करनी पर इनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिसवालों का होगा ब्रेथ एनलाइजिंग
एसएसपी मनु महाराज ने जिले में तैनात सभी थानेदारों को और पुलिस अधिकारियों व कर्मियों का ब्रेथ एनलाइजिंग टेस्ट कराने का फैसला भी सुना चुके हैं। राज्य पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मुझे शक है कि थाने के मालखाने में रखे शराब कहीं पुलिस वाले तो नहीं पी गए। इसलिए अब फिर से थाने के मालखाने में जब्त करके रखी गई शराब का ऑडिट कराना होगा। वहीं शराब की सुरक्षा नहीं करने वाले थानेदार और मालखाना प्रभारी पर कार्रवाई की जाएगी।
सभी मालखानों का होगा ऑडिट
वहीं मुख्यालय सूत्रों की अगर मानें तो मार्च में पुलिस मुख्यालय ने राज्य के सभी जिले के एसपी को मालखाने में रखी गई शराब की बोतल के बारे में लिखित जानकारी मांगी थी पर इस संबंध में अब तक पूरी जानकारी नहीं दी गई है। कुछ जिले ने इस संबंध में लिखित जानकारी दी है जिसमें उन्होंने कहा कि मालखाना में रखे हुए शराब की बोतल को चूहे पी गए। यह सुनने के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय ने सभी थाने के मालखानों की ऑडिट करने का फैसला लिया है।
13 महीने में 9 लाख लीटर शराब बरामद
आपको बताते चलें पिछले 13 महीनों के दौरान पुलिस के द्वारा पूरे राज्य से 9.15 लीटर शराब बरामद की गई। पर बरामद करने वाले थानेदारों ने सभी शराब की बोतलों को लेकर अजीब गरीब खुलासा करते हुए पुलिस मुख्यालय को एक रिपोर्ट पेश किया जिसमें यह बताया गया कि अधिकांश का शराब की बोतल मालखाना पहुंचने से पहले नष्ट हो गई और जो मालखाना पहुंची उसे चूहे पी गए। वहीं उत्पाद विभाग के द्वारा 56229 लीटर देसी तथा 15100 लीटर विदेशी शराब की गई है।
जेल में अवैध शराब कारोबारी खा गए करोड़ों का खाना
बिहार में अलग-अलग जिलों मे कुल 56 जेल हैं। जिसमें 8 सेंट्रल जेल 32 मंडलकारा और 16 उपकारागार शामिल हैं। इन सभी जिलों में लगभग 55000 कैदी अलग-अलग मामलों में कैद हैं। अब अगर बात की जाए शराबबंदी कानून लागू होने के बाद की तो राज्य भर मे पिछले 13 महीने में अब तक 44,594 लोग अवैध शराब कारोबार के आरोप में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। जिसमें से 44,557 आरोपियों को जेल भेजा गया है। अब आपको बता दें कि एक कैदी के ऊपर रोजाना राज्य सरकार को 70 से 100 रुपए खर्च करना पड़ता है। शराबबंदी कानून लागू होने के बाद लगभग 35000 लोग जेल में कैद हैं और इन सभी के ऊपर सरकार को करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि शराब बंदी के बाद शराब कारोबारियों और शराबियों पर सालाना सरकार को लगभग कई करो रुपए का का खर्च अतिरिक्त उठाना पड़ रहा है।
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