तो इसलिए अमरनाथ यात्रा पर हमले की जिम्मेदारी नहीं ले रहा लश्कर
अमरनाथ यात्रियों पर हमले के पीछे हो सकता है लश्कर का हाथ, खुफिया एजेंसी कर रही हैं मामले की जांच
नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रियों पर जिस तरह से आतंकी हमला हुआ है, उसके बाद तमाम सुरक्षा एजेंसी इस बात की जानकारी इकट्ठा करने में जुटी हैं कि इस हमले के पीछे किस आतंकी संगठन का हाथ है। सुरक्षा एजेंसियों के पास अभी भी इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं है कि क्या इस हमले के पीछे लश्कर ए तैयबा का हाथ है, लिहाजा एजेंसिया इस बाबत तमाम सबूत इकट्ठा करने में जुटी हैं। जिस तरह से लश्कर ए तैयबा ने इस हमले से इनकार किया है, माना जा रहा है कि इसके पीछे अंतर्राष्ट्रीय दबाव है, पाकिस्तान पर लश्कर के आतंकी हाफिज सईद सहित तमाम आतंकियों पर कार्रवाई करने का दबाव है।
लश्कर का हाथ होने की आशंका
इस हमले के पीछे जिस तरह से लश्कर ने अपना हाथ होने से इनकार किया है, उसके पीछे की बड़ी वहज यह है कि यह हमला सेना की बजाए आम नागरिकों पर हुआ है। आम लोगों पर हमला होने की वजह से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी आलोचना हो रही है, जिसकी वजह से पाकिस्तान को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। यही वजह है कि लश्कर इस हमले के पीछे अपना हाथ होने से इनकार कर रहा है।
पाकिस्तान पर है अंतर्राष्ट्रीय दबाव
अमरनाथ यात्रियों पर पहले ही हमले की आशंका जताई गई थी, माना जा रहा था कि लश्कर इन यात्रियों पर हमला कर सकता है। अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान ने जमातउद दावा और फलाह ए इंसानियत को 30 जनवरी से हाउस अरेस्ट कर रखा है। अप्रैल माह में हाफिज सईद को 30 जुलाई तक के लिए हाउस अरेस्ट में रखा गया है, उसके हाउस अरेस्ट को 90 दिनों के लिए बढ़ाया गया है। हालांकि जेके पुलिस ने इस हमले के पीछे एलईटी के हाथ होने की बात कही है, केंद्र को दी अपनी रिपोर्ट जम्मू कश्मीर पुलिस ने अज्ञात लोगों का हवाला दिया है। इस बात की भी आशंका जताई गई है कि जब बस का टायर पंचर हो गया, तो इसमे सवार यात्री बस के बाहर घूमने चले गए, जिसके बाद यह लोग अंडरग्राउंड आतंकियों के निशाने पर आ गए, जिसके बाद इन लोगों ने बस का पीछा किया।
दो बार बस पर किया हमला
जम्मू कश्मीर सरकार की मानें तो उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हमलावरों ने बस को दो बार निशाना बनाया, पहली बार इन लोगों ने बस को हब्बा खातून पेट्रोल पंप पर अपना निशाना बनाया, जिसके बाद इन लोगों ने कुछ दूर चलने के बाद बस पर फिर से हमला कर दिया, इन लोगों ने जी/90 बटालियन पर तैनात पुलिस पर भी हमला बोला, लेकिन कोई भी पुलिसकर्मी इसमें घायल नहीं हुआ। एक अधिकारी का कहना है कि पुलिस की ओर से फायरिंग के बाद भी यह आतंकी भागने में सफल हुए, लिहाजा इन तमाम वाकयों की जांच होनी चाहिए।
सीआरपीएफ ने पल्ला झाड़ा
वहीं इस पूरे मामले में सीआरपीएफ का कहना है कि काफिले का हिस्सा नहीं थी, काफिले को सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। यह बस अमरनाथ यात्रा के लिए भी रजिस्टर नहीं कराई गई थी। ऐसे में ऐसी बस को ट्रैक करना संभव नहीं है जो इस काफिले का हिस्सा नहीं है।