हाफिज ने तैयार की घाटी में आतंक फैलाने वाले 80 लोगों की टीम
श्रीनगर। घाटी में पिछले कुछ दिनों से जो कुछ हो रहा है, उसने हर किसी को डरा दिया है। आए दिन कोई न कोई आतंकी हमला, किसी ना किसी आतंकी की मौत और कोई जवान शहीद या फिर किसी नागरिक की मौत। शनिवार को जो हुआ वह इसी कड़ी में एक नया उदाहरण है। घाटी में एक बार फिर से तबाही लाने के लिए लश्कर-ए-तैयबा और हाफिज सईद ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है।
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आतंकी हमलों के लिए बनाई क्रैक टीम
पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद की मानें तो अब कश्मीर में आजादी की लड़ाई फिर से शुरू हो गई है। सईद ने अगर यह बात कही है तो इसकी वजह है लश्कर की वह टीम जो घाटी में आजादी के नाम आतंक को अंजाम देने में लगी हुई है। लश्कर ने जम्मू कश्मीर में हमलों को अंजाम देने के लिए 80 लोगों की एक नई टीम बनाई है।
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15 लोगों का बैच भारत में
घाटी में पिछले कई दिनों से हिजबुल मुजाहिद्दीन काफी सक्रिय हो गया है और इस संगठन के सक्रिय होने की वजह से लश्कर की परेशानियां बढ़ गई हैं। हिजबुल अपनी खोई हुई जमीन को वापस हासिल करने की कोशिशों में हैं और इस
मकसद में लश्कर उसका हमसफर बनता जा रहा है। इस टीम के पहले 15 लोगों वाले एक बैच को इसी हफ्ते भेजा गया है। शनिवार को पंपोर में जो आतंकी हमला हुआ है, उसमें शामिल दो आतंकी लश्कर की इसी बैच का हिस्सा थे।
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कश्मीर की 'लड़ाई' सबसे पहले
लश्कर ने भारत में जेहाद छेड़ने की कसम खाई है। लश्कर के लिए कश्मीर की 'लड़ाई' हमेशा जारी रहना लिस्ट में सबसे ऊपर है। कश्मीर में अपने अस्तित्व को बरकरार रखने के लिए लश्कर की 80 लोगों की टीम काफी मददगार साबित हो सकती है। लश्कर का मकसद अपने हर आतंकी को कई ग्रुप्स में बांटकर कश्मीर में दाखिल कराना है।
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मिल रही है हिजबुल को भी मदद
लश्कर ने जो क्रैक टीम कश्मीर के लिए तैयार की है वह कहीं न कहीं लश्कर और हिजबुल के बीच लड़ाई की गवाह है। हालांकि दोनों ही संगठनों ने घाटी में जारी अपनी आपसी लड़ाई को कभी भी सार्वजनिक नहीं किया है। लेकिन हर बार किसी न किसी आतंकी हमले के बाद दोनों ही संगठनों की ओर से दावा किया गया है, 'यह उनकी लड़ाई है'।
युवा हो रहे आकर्षित
विगत दो माह में घाटी के अंदर मजबूत हुए हिजबुल मुजाहिद्दीन ने एजेंसियों की नाक में दम करके रखा है। इस संगठन ने 21 वर्षीय बुरहान वानी को नियुक्त किया है ताकि वह घाटी के युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर सके।
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वानी जो कि एक सोशल मीडिया और इंटरनेट फ्रेंडली इंसान है, वह अपने मकसद को पूरा करने में कामयाब भी हो रहा है। घाटी में फिलहाल सुरक्षा व्यवस्था को काफी चाक चौबंद कर दिया गया है।
घाटी के दो इलाकों बांदीपोर और मलांगपोर में सुरक्षा के इंतजाम काफी सख्त हैं क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि आतंकी इन्हीं इलाकों में कहीं छिपे हो सकते
हैं।