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थोड़ा बहुत भी समझते हैं लालू-नीतीश की राजनीति, तो दीजिए इन 7 सवालों का जवाब?

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मयंक दीक्ष‍ित- भाजपा 'लहर' में पिछड़े दिग्गज अब अपनी चाल-ढाल नए सिरे से गढ़ रहे हैं। जदयू नेता नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव सालों बाद ऐसे मंच पर आए जिसकी वे जनता के सामने घोर ख़‍िलाफत करते रहे। मीडिया से लेकर गली-नुक्कड़ पर उनसे जुड़ी चर्चाएं, विश्लेषण चल रहे हैं। यह महागठबंधन एक मायने में बीजेपी से मजबूत नज़र आ रहा है तो दूसरे मायने में एक 'फ्लॉप शो' का ट्रेलर।

बिहार में कांग्रेस-राजद-जदयू गंठबंधन की राजनीति की शुरूआत हो गई है। दोनों नेता हाजीपुर में एक संयुक्त रैली में एक मंच पर दिखे और गले लगाकर एक दूसरे का स्वागत किया। चेहरे पर शब्द, ज़ेहन में सत्ता और क्या-क्या है भीतरी स्थ‍िति, तो घुमाएं स्लाइडर और जानें एक-एक सिरा जो बांधेगा सत्ता की डोर। हो सकता है यह ऐतिहासिक गठबंधन कुछ सवाल-जवाब छोड़ जाए पर मौजूदा स्थ‍िति यह है-

महागठबंधन मज़बूत है

महागठबंधन मज़बूत है

आगामी 21 अगस्त को बिहार की 10 विधानसभा की सीटों पर उपचुनाव होने हैं। मत प्रतिशत के लिहाज से कांग्रेस, राजद और जद (यू) भाजपा से पॉवरुफुल नज़र आ रहे हैं। क्या यह मत प्रतिशत सीटों और वोटों में बदल पाएगा?

भाजपा के लिए चुनौती?

भाजपा के लिए चुनौती?

बिहार राज्य की राजनीति में 20 साल बाद ऐसी तस्वीर नज़र आई लेकिन मंच पर दिखी एकता क्या दोनों नेताओं के मन में भी है? बिहार की जनता इस नयी मोर्चेबंदी पर भाजपा-गठबंधन को गंभीर चुनौती दे पाएगी?

पुराने दशकों का दोहराव

पुराने दशकों का दोहराव

क्या 80 और 90 के दशक का इतिहास फिर दोहराया जाएगा? क्या यह ‘कमंडल' के खिलाफ ‘मंडल' की मोर्चेबंदी है और अगर है तो क्या यह कोई सार्थक विकल्प दे पाएगी?

जगाया गठबंधन का जोश

जगाया गठबंधन का जोश

जिन 10 सीटों के लिए बिहार में 21 अगस्त को मतदान होना है, उनमें 6 सीटें भाजपा की रही हैं, 3 राजद की और 1 सीट जद (यू) की। इसी के साथ उन्होंने मंच से ऐसे नेताओं का आवाह्न् किया जो गठबंधन की अंगड़ाइयां लेते रहे हैं। जैसे मुलायम सिंह यादव, मायावती।

अपनी या जनता की फिक्र?

अपनी या जनता की फिक्र?

एक दौर में लालू-शरद-नीतीश की तिकड़ी जब सत्ता में थी तो उसके सामने गरीबों के लिए ठोस कार्यक्रम व हर वर्ग के विकास जैसे अहम एजेंडे थे। क्या यह महागठबंधन इन सब बातों की फिक्र करता है?

बच जाएगी लोकप्र‍ियता?

बच जाएगी लोकप्र‍ियता?

क्या आगामी चुनाव में भाजपा को हराने के चक्कर में लालू और नीतीश अपनी बची हुई लोकप्र‍ियता भी खो देंगे? लालू निरस्त सदस्यता व नीतीश खराब लोकसभा परिणामों के चलते पहले ही बैकफुट पर हैं?

कहीं यह बात तो नहीं

कहीं यह बात तो नहीं

इधर यूपी व अन्य क्षेत्रों में नरेंद्र मोदी व अमित शाह का सुपरप्लान लागू रहेगा। ऐसे में लालू-नीतीश क्या ऐसी ही भूमिका को टक्कर देने का मन तो नहीं बना चुके हैं?

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English summary
Lalu Yadav and Nitish Kumar Bihar alliance is done for power
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