नियमों को ताक पर रखकर लालू प्रसाद यादव को किए गए प्लॉट आवंटित
बेनामी संपत्ति के बाद एक बार फिर से लालू प्रसाद यादव अवैध तरीके से प्लॉट आवंटन के विवाद में घिरे, बढ़ सकती है मुश्किलें।
पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लगातार एक के बाद बाद एक अवैध संपत्ति के आरोपों में वह घिरते नजर आ रहे हैं। लालू प्रसाद यादव को 1992 से 2010 के बीच बतौर सांसद और विधायक की सहकारी समिति द्वारा दो भूखंड आवंटित किए गए थे, लेकिन नियम के अनुसार एक सांसद या विधायक को एक ही जमीन आवंटित की जा सकती है।
लालू प्रसाद यादव के अलावा बंका से आरजेडी सांसद जय प्रकाश नारायण को भी दो बंगले आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा लालू और उनकी पत्नी राबड़ी देवी को पहले से ही प्लॉट आवंटित किया गया था, लेकिन 2003 में अब्दुल बारी सिद्दीकी की ओर से इन्हें एक प्लॉट दिया गया। यहां गौर करने वाली बात यह है कि यह प्लॉट लालू के लिए पहले से अलॉट दो प्लॉट के ठीक बगल में था। इसके साथ ही राबड़ी देवी के भाई साधू यादव को 2004 में एक प्लॉट दिया गया जोकि ठीक राबड़ी के प्लॉट के बगल में था। इसके छह साल बाद लालू को एक और प्लॉट आवंटित किया गया।
यहां गौर करने वाली बात यह है कि ये सभी प्लॉट पटना एयरपोर्ट के पास काफी प्राइम लोकेशन पर हैं, ये सभी प्लॉट स्कीम के तहत महज 37 हजरा रुपए में आवंटित किए गए थे, जबकि इसका वर्तमान सर्किल रेट 80-90 लाख रुपए है। इसके अलावा लालू के प्रेम चंद्र गुप्ता को भी वर्ष 2006 में जो प्लॉट आवंटित किए गए थे वह इन्ही प्लॉट्स के बीच से होकर गुजरता है। बिहार सांसद एवं विधान मंडलीय सदस्य सहकारी निर्माण समिति के नियम के अनुसार जो प्लॉट इन्हें आवंटित किए गए हैं उनका प्रयोग कॉमर्शिल तौर पर नहीं किया जा सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक लालू प्रसाद यादव को 21 अप्रैल 1992 में 37 हजार रुपए में प्लॉट नंबर 208, 9 सितंबर 2003 को प्लॉट नंबर 209 को राबड़ी यादव को दिया गया, प्लॉट नंबर 210 को वर्ष 2014 में साधु यादव को, प्लॉट नंबर 229 भी दिया गया। ऐसे में जिस तरह से तमाम नियमों को अनदेखी करके लालू व उनके परिवार वालों को प्लॉट आवंटित किए गए हैं, उसके बाद लालू जांच के घेरे में आ गए हैं।