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जानिए क्‍या हैं धर्म परिवर्तन से जुड़े कानून और कब पहली बार संसद में उठा मुद्दा

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नई दिल्‍ली। आगरा में 200 मुसलमानों के धर्म परिवर्तन को लेकर हल्‍ला मचा हुआ है और यहां तक कि गुरुवार को संसद में इससे जुड़ा कानून बनाने तक की बात कह डाली गई। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि देश में धर्मांतरण का इतिहास क्‍या है और इससे जुड़े जो नियम हैं वह क्‍या कहते हैं।

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वर्ष 1954 में पहली बार संसद में उठा

  • संसद में पहली बार इस मुद्दे को वर्ष 1954 में उठाया गया था।
  • उस समय इस बिल का नाम भारतीय धर्मांतरण (नियम और पंजीकरण) विधेयक।
  • इस बिल को वर्ष 1960 में फिर से संसद में उठाया गया।
  • अल्‍पसख्‍ंयकों के विरोध की वजह से इस बिल का समर्थन नहीं मिल सका और यह बिल पास नहीं हो पाया।
  • वर्ष 1968 में ओडिशा और मध्‍य प्रदेश में इससे जुड़े नियम बनाए गए।
  • इन नियमों को मध्‍य प्रदेश धर्म स्‍वतंत्रता अभियान और ओडिशा फ्रीडम ऑफ रिलीजियन एक्‍ट के नाम से जाना गया।
  • इन कानूनों के तहत किसी को भी जबर्दस्‍ती उसके धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता था सिर्फ उनकी आस्‍था के बाद ही यह कदम वैध माना गया।
  • इसके बाद तमिलनाडु और गुजरात में भी इन्‍हीं नियमों को लाया गया।
  • इन राज्‍यों में आईपीसी के तहत दंडात्‍मक करार दिया गया जिसके तहत जबर्दस्‍ती धर्मांतरण में तीन वर्ष की जेल और 20,000 रुपए का जुर्माना भी तय किया गया।

क्‍या कहती हैं लॉ कमीशन की सिफारिशें

भारतीय लॉ कमीशन को इस बात की जिम्‍मेदारी दी गई थी कि वह उन मुद्दों पर नजर रखे जिसके तहत जबर्दस्‍ती लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। इस कमीशन की अहम सिफारिशें इस तरह से हैं-

  • धर्म परिवर्तन के एक माह के अंदर धर्म परिवर्तन वाले व्‍यक्ति को अपने इलाके से संबंधित उस अधिकारी को एक उद्घोषणा पत्र भेजना होगा जिसके पास शादियों का रजिस्‍ट्रेशन करने की जिम्‍मेदारी है।
  • उस अधिकारी को इसकी एक कॉपी अपने ऑफिस के नोटिस बोर्ड पर लगानी होगी।
  • जो भी उद्घोषणा की जाएगी उसकी कॉपी में धर्म परिवर्तन कराने वाले व्‍यक्ति की जन्‍मतिथि, उसका स्‍थायी पता और उसका वर्तमान पता, पिता या पति का नाम, वह वास्‍तविक तौर पर जिस धर्म का अनुयायी है उसकी जानकारी
  • साथ ही उस धर्म की भी जानकारी जिसे उसने धर्मांतरण के बाद स्‍वीकार किया है, जगह का नाम जहां पर पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया गया और साथ ही किस तरह की प्रक्रिया के तहत उसका धर्मांतरण किया गया है।
  • 21 दिनों के अंदर उसे इस उद्घोषणा पत्र को भेजना होगा।
  • धर्म परिर्वतन कराने वाले व्‍यक्ति को इस दौरान पंजीकरण अधिकारी के सामने पेश होना होगा।
  • यहां उसे उद्घोषणा पत्र में दी गई जानकारियों की पुष्टि करनी होगी।
  • अधिकारी को उन तथ्‍यों का रिकॉर्ड करना होगा और इस मकसद के लिए एक रजिस्‍टर भी बनाना पड़ेगा।
  • अगर उसे किसी भी तरह का कोई विरोधाभास नजर आता है तो वह सिर्फ व्‍यक्ति का नाम और उसके विरोध की अहम बातें और विरोध किस तरह का यह रिकॉर्ड करेगा।
  • उद्घोषणा की प्रमाणित कॉपी को अनुरोध पर उस व्‍यक्ति को मुहैया कराना होगा जिसने यह जानकारियां दी हैं या फिर उसकी ओर से पेश होने वाले कानूनी सलाहकार को इन जानकारियों की कॉपी देनी होगी।
  • लॉ कमीशन ने इस बात को साफ किया कि राज्‍यों में जहां कानूनी आधार पर धर्मांतरण होते हैं इन सिफारिशों की कोई जरूरत नहीं होगी।
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English summary
Know about the the law on religious conversions in India. The first time that the Parliament took up this matter was in the year 1954.
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