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जानिए, नए थलसेना प्रमुख बिपिन रावत की जिंदगी के बारे में सबकुछ!

1978 में बिपिन रावत की एंट्री सेना में हुई थी। आइए, उनकी जिंदगी और 37 साल के सैन्य सफर के बारे में आपको बताते हैं।

By Rajeevkumar Singh
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नई दिल्ली। लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत देश के अगले आर्मी चीफ बने हैं। वह 31 दिसंबर को जनरल दलबीर सिंह सुहाग की जगह लेंगे।

बिपिन रावत की सेना में एंट्री 1978 के दिसंबर में हुई थी। आइए तब से लेकर आज तक की उनकी जिंदगी और अनुभवों के बारे में आपको बताते हैं।

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बिपिन रावत के पिता भी रहे हैं सेनाधिकारी

बिपिन रावत के पिता भी रहे हैं सेनाधिकारी

बिपिन रावत के पिता भी सेना में लेफ्टिनेंट जनरल थे। उनकी पढ़ाई लिखाई शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल में हुई। उसके बाद 1978 में इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून से ग्रेजुएशन किया और यहां उन्होंने स्वोर्ड ऑफ ऑनर हासिल किया। 1978 के दिसंबर में बिपिन रावत की सेना में एंट्री हुई और उनको गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में जगह मिली।

सेना में शामिल होने के बाद आर्मी चीफ तक का सफर

सेना में शामिल होने के बाद आर्मी चीफ तक का सफर

बिपिन रावत सेना में शामिल होने के बाद अनेक पदों पर रहे। इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून में भी उनकी तैनाती हुई।

मिलिट्री ऑपरेशंस डायरेक्टोरेट में वे जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 2 रहे। लॉजिस्टिक स्टाफ ऑफिसर, कर्नल मिलिट्री सेक्रेटरी, डिप्यूटी मिलिट्री सेक्रेटरी, जूनियर कमांड विंग में सीनियर इंस्ट्रक्टर जैसे कई पदों पर वह सेना में रहे।

वह 31 दिसंबर को आर्मी चीफी का पद संभालेंगे। वह फिलहाल वाइस आर्मी चीफ हैं। इससे पहले साउदर्न आर्मी कमांड के चीफ थे।

ऊंची चोटियों के युद्ध और काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन में महारत

ऊंची चोटियों के युद्ध और काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन में महारत

लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को ऊंची चोटियों की लड़ाई में महारत हासिल है और आतंकवाद व उग्रवादी गतिविधियों से निपटने के लिए उन्होंने कई ऑपरेशन चलाए हैं।

बिपिन रावत को काउंटर इंसर्जेंसी का विशेषज्ञ माना जाता है और इस क्षेत्र में उनको अच्छा-खासा लंबा अनुभव है।

नॉर्थ ईस्ट में चीन से सटे लाइन ऑफ एक्चुएल कंट्रोल पर उन्होंने एक इंफैंट्री बटालियन को कमांड किया। कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स और इंफैंट्री डिवीजन के वे कमांडिंग ऑफिसर रहे।

कांगो में पीसकीपिंग फोर्स में भारतीय ब्रिगेड के चीफ

कांगो में पीसकीपिंग फोर्स में भारतीय ब्रिगेड के चीफ

2008 में कांगो में वे यूएन पीसकीपिंग ऑपरेशन में इंडियन ब्रिगेड के चीफ रहे। वहां उनको अपनी लीडरशिप के लिए काफी सराहना मिली।

डिफेंस में बिपिन रावत ने विदेश से डिग्री भी हासिल की है। अमेरिका में वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री ली।

37 साल के करियर में मिले कई अवार्ड

37 साल के सैन्य करियर में बिपिन रावत को बहादुरी के लिए कई सेवा मेडल और अवार्ड मिले हैं। यूनाइटेड नेशंस के साथ काम करते हुए भी उनको दो बार फोर्स कमांडर कमेंडेशन का अवार्ड दिया गया।

रावत ने लिखे हैं सुरक्षा मुद्दों पर कई लेख

बिपिन रावत सुरक्षा मामलों पर लिखते भी रहे हैं और उनके आलेख देश के पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। उन्होंने मिलिट्री मीडिया स्ट्रेटजी स्टडीज में रिसर्च भी पूरा किया है। 2011 में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी ने उनको पीएचडी की उपाधि दी।

बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका सोशल वर्कर हैं

नए आर्मी चीफ बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका दिल्ली यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान में ग्रेजुएट हैं। मधुलिका सोशल वर्कर हैं और खासकर कैंसर के मरीजों के लिए काम कर रही हैं।

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English summary
Lt General Bipin Rawat is news Chief of Army Staff of India. He will succeed General Dalbir Singh. Know about the life of Bipin Rawat.
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