मरे हुए कुत्तों को कंधे पर टांगकर कांग्रेस (एम) के कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन
केरल। केरल में आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे पर केरल कांग्रेस (एम) के कार्यकर्ताओं ने विरोध का ऐसा तरीका अपनाया कि शहरभर में उन्हें देखने वालों की भीड़ लग गई।
केजरीवाल के लोग क्यों तारीफ कर रहे मोदी के एक मंत्री की?
केरल के कोट्टायम में केरल कांग्रेस (एम) के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने एक मार्च निकाला। इस मार्च में वो उन्होंने कंधे पर एक लकड़ी रखी हुई थी, जिस पर पांच कुत्तों को मारकर उनके पैर बंधकर उल्टा लटकाया गया था।
इन कार्यकर्ताओं ने शहर में प्रदर्शन के बाद इन मरे हुए कुत्तों को नगर निगम के दफ्तर के सामने फेंक दिया और नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्होंने कुत्तों को मारा है और ये तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी बात नहीं सुनी जाती है।
सिर्फ 7 सेकेंड में फ्री मिल सकता है रेडमी नोट-3, जानिए कैसे
आवारा
कुत्तों
ने
घर
से
निकलना
दूभर
कर
दिया
है
इन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनका प्रदर्शन कोट्टायम और केरल में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और इससे हो रहे खतरे की तरफ सरकार का ध्यान खींचने के लिए है।
इस प्रदर्शन के अगुआ साजी मंजाकदंबिल ने कहा कि राज्य और केन्द्र की सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारें कुत्तों की संख्या को काबू करने के लिए कुछ भी नहीं कर रही हैं और इधर लोगों का घर से निकला दूभर हो गया है।
केरल राज्य में पिछले कुछ समय से आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और इनके आम जनता को काटना की घटनाओं की वजह से ये एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है। केरल के कई शहरों में लोग और संगठन खुद ही कुत्तों को मार रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बुलाई बैठक
पशुओं के लिए काम करने वाले संगठन इस तरह से कुत्तों को मारने को गैर-कानूनी बताते हुए ऐसे लोगों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
हाल ही में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा था कि केरल में गैर-कानूनी तौर पर कुत्ते नहीं मारे गए।
नवरात्रि में वाहन खरीदना चाहते हैं तो क्या करें उपाय?
पिछले महीने तिरुवंतपुरम में एक बुजुर्ग महिला की कुत्ते के काटने से मौत और अब कोट्टियम में प्रदर्शन के बाद केरल के मुख्यमंत्री भी इसको लेकर चिंतित हैं। उन्होंने मामले पर चर्चा के लिए मीटिंग भी बुलाई है।