कीनन, रूबेन के बेरहमी से मारने वाले हत्यारों को उम्रकैद
मुंबई। 20 अक्टूबर 2011 की रात को मुंबई के रेस्तरां के बाहर कीनन और रूबेन की नृशंस हत्या करने वाले चार बदमाशों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई है। मामले की सुनवाई करते हुए मुंबई की सेशन कोर्ट ने हत्यारों को तब तक जेल में रखने के लिये कहा है, जब तक वे मर नहीं जाते।
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कोर्ट के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए पब्लिक प्रॉसीक्यूटर उज्जवल निकम ने बताया कि कीनन और रूबेन की हत्या करने वाले जीतेंद्र राणा, सुनील बोध, सतीश दलहज और दीपक तिवल का जुर्म साबित हो गया है और अदालत ने चारों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है।
कीनन के पिता वलेरियन संतोस ने कोर्ट के इस आदेश पर कहा, "मैं कोर्ट के इस फैसले से खुश हूं। मैं इन चारों के लिये फांसी की सजा नहीं चाहता था। इस फैसले से मेरा विश्वास भारतीय न्याय व्यवस्था पर बढ़ गया है। "
क्या है मामला
20 अक्टूबर 2011 की रात को कीनन (24 वर्ष) और रूबेन (29 वर्ष) अपने दोस्तों के साथ डिनर पर गये थे। तभी जीतेंद्र राणा ने कीनन की गर्लफ्रेंड प्रियंका फरनांडेज के साथ छेड़खानी की, जिसका कीनन ने विरोध किया। दोनों के बीच जमकर कहासुनी हुई, गाली गलौज हुई और फिर बाकियों के बीच-बचाव से मामला शांत हो गया।
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कीनन और उसके दोस्त डिनर के बाद जैसे ही रेस्तरां से बाहर निकले तो देखा जीतेंद्र राणा अपने कुछ दोस्तों के गैंग को लेकर आ रहा है। इससे पहले कि ये लोग भाग पाते जीतेंद्र व उसके दोस्तों ने हमला बोल दिया। उनके हाथ में असलहे थे और धारदार हथियार। उस दौरान कीनन और रूबेन भाग नहीं पाये और चार बदमाशों ने चाकुओं से गोद दिया। कीनन की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि रूबेन ने 2 नवम्बर को अस्पताल में दम तोड़ दिया।
मुंबई पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए चारों को अगले ही दिन धर दबोचा और मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेज दिया।