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तो बेंगलुरु में हो रही आतंकी साजिशों की जांच नहीं करना चाहती है NIA?

By Vicky Nanjappa
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बेंगलुरु। नेशनल इनवेस्टिगेटिंग एजेंसी (एनआईए) देश की वह प्राथमिक संस्‍था है जो देश में आतंकवाद से जुड़े मसलों की जांच के लिए बनाई गई है। खास बात है कि जहां एनआईए ने कई राज्‍यों में आतंकवाद से जुड़ी जांच को आगे बढ़ाया है तो वहीं यह कर्नाटक में आकर असफल नजर आने लगती है। बेंगलुरु में पहले मल्‍लेश्‍वरम और फिर हाल ही में हुए चर्च स्‍ट्रीट ब्‍लास्‍ट के साथ ही मेहदी मसरूर बिस्‍वास वाला एपिसोड हो या फिर भटकल की आतंकी साजिश, एनआईए की मौजूदगी भी कई सवालों से पर्दा नहीं हटा पाई है।

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चर्च स्‍ट्रीट ब्‍लास्‍ट और एनआईए

  • एनआईए चर्च स्‍ट्रीट ब्‍लास्‍ट के समय घटनास्‍थल का दौरा किया था।
  • इसके बाद वह इन ब्‍लास्‍ट में प्रयोग विस्‍फोटकों का विश्‍लेषण किया।
  • जहां हर कोई इस बात को कह रहा था कि खंडवा से भागे सिमी के पांच सदस्‍य इसके जिम्‍मेदार हो सकते हैं, एनआईए इस तथ्‍य को नजरअंदाज कर रही थी।
  • एनआईए सिमी से जुड़ी कई केस की जांच कर रही है।
  • एनआईए की मानें तो पटना, बोधगया और चेन्‍नई ट्रेन ब्‍लास्‍ट के पीछे सिमी की ही साजिश है।
  • एनआईए ने यह दावा किया कि वह इस जांच में मदद करेगी।
  • दावे के बावजूद जांच को लेकर बेंगलुरु पुलिस और एनआईए के बीच रस्‍साकशी जारी है।

मेहदी मसरूर केस और एनआईए

  • दिसंबर में ब्रिटिश म‍ीडिया के एक दावे ने सनसनी मचा दी जब यह कहा गया आईएसआईएस का @shammiwitness ट्विटर अकाउंट को बेंगलुरु से ऑपरेट किया जा रहा था।
  • इस पूरे केस की वजह से भारत और बेंगलुरु का नाम अतंराष्‍ट्रीय स्‍तर पर अचानक से ही सुर्खियों में आ गया था।
  • यह केस आईएसआईएस से जुड़ा था और एनआईए पहले से ही इराक से लौटे आरिफ माजिद के केस को हैंडल कर रही थी।
  • माजिद ने भी आईएसआईएस में शामिल होने के लिए देश छोड़ा था लेकिन वापस लौट आया।
  • यह उम्‍मीद की जा रही थी मेहदी के केस को भी एनआईए इस केस को भी अपने हाथ में ले लेगी।
  • उम्‍मीद से अलग एनआईए इस केस से भागती नजर आई।
  • बहुत से लोग अब मानते हैं कि मेहदी के केस को ठीक तरह से डील नहीं किया गया।
  • बेंगलुरु पुलिस सिर्फ उसकी ट्ववीट्स को ही एनालाइज करती रह गई है।
  • विशेषज्ञों की मानें तो मेहदी का केस किसी साधारण अपराधिक केस से एकदम अलग था।
  • पुलिस के सामने कहना पड़ा कि उसे मेहदी की हिरासत की अवधि नहीं बढ़ानी है।
  • फिलहाल वह न्‍यायिक हिरासत में है।

मल्‍लेश्‍वरम ब्‍लास्‍ट और एनआईए

  • वर्ष 2013 में कर्नाटक विधानसभा चुनावों से ऐन पहले मल्‍लेश्‍वरम में बीजेपी के ऑफिस के बाहर ब्‍लास्‍ट हो गया था।
  • बावजूद इसके कि घटनास्‍थल पर एनआईए के कई अधिकारी मौजूद थे, ब्‍लास्‍ट की जांच का जिम्‍मा फिलहाल बेंगलुरु पुलिस के पास है।
  • जांच का जिम्‍मा संभालने के बजाय एनआईए इस केस से दूर रही।
  • उस समय की कर्नाटक सरकार ने कहा कि अगर जरूरत पड़ेगी तो एनआईए को भी जांच में शामिल किया जाएगा।
  • एनआईए घटनास्‍थल पर आई, उसका दौरा किया और ब्‍लास्‍ट के बारे में जानकारी ली।
  • इस जानकारी का प्रयोग इस केस में प्रयोग हुए ब्‍लास्‍ट की एनालिसिस के बाद डाटा बैंक तैयार करने के लिए लिया।

भटकल आतंकी साजिश

  • इस केस में यह कहना अभी जल्‍दबाजी होगी कि एनआईए इसकी जांच नहीं कर रही है।
  • इसके बाद भी पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि एनआईए इस केस से भी दूर रह सकती है।
  • भटकल आतंकी साजिश को कुछ युवाओं ने अंजाम दिया था।
  • इन युवाओं पर आरोप है कि यह यूएई में बसे एक हैंडलर के संपर्क में हैं।
  • यह भी कहा था कि यह युवा कर्नाटक में सीरियल ब्‍लास्‍ट की साजिश रच रहे थे।
  • एनआईए सूत्रों की मानें तो वह एनआईए जांच का जिम्‍मा लेना से पहले थोड़ा इंतजार करेगी और स्थितियों को करीब से देखेगी।
  • एनआईए ने अभी तक इस केस की जांच के लिए कोई भी औपचारिक अनुरोध नहीं भेजा है।
  • एनआईए का चार्टर भी इसकी पुष्टि करने के लिए काफी है।

(CLICK ON NEXT) आगे पढ़‍िए कि क्‍यों एनआईए न सिर्फ बेंगलुरु बल्कि कर्नाटक में होने वाली आतंकी साजिशों से बचती नजर आती है।

Comments
English summary
NIA is the premier agency of the country to investigate matters pertaining to terrorism. However some strange reason it is missing in action when it comes to Karnataka.
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