अजमेर-सियालदह ट्रेन हादसा: क्यों बदनाम है कानपुर का पुखरायां रेल ट्रैक?
बीते महीने भी कानपुर के पास ही पुखरायां में एक बड़ा रेल हादसा हुआ था, जिसमें करीब 142 लोगों की मौत हो गई थी।
कानपुर। आज सुबह 5:30 बजे कानपुर देहात के रुरा स्टेशन के पास अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस के 15 डिब्बे पटरी से उतर गए जिसमें अभी तक दो लोगों की मौत हो गई है और 60 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। इस हादसे की जांच के आदेश रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दे दिए हैं।
आखिर इस हादसेे का जिम्मेदार कौन है?
लेकिन सवाल ये है कि आखिर ये हादसा हुआ क्यों और इसका जिम्मेदार कौन है? ये सवाल लोगों के जेहन में 20 नवंबर को भी कौंधा था जिसका जवाब उन्हें आज तक नहीं मिला। मालूम हो कि बीते महीने भी कानपुर के पास ही पुखरायां में एक बड़ा रेल हादसा हुआ था, जिसमें करीब 142 लोगों की मौत हो गई थी। ये हादसा इंदौर-पटना इंटरसिटी ट्रेन के 14 डिब्बों के पटरी से उतरने से हुआ था।
क्यों रेलवे विभाग इस पर गंभीर नहीं
आखिर क्या वजह है कि इस रेलवे ट्रैक पर पटरी के डिब्बे सुरक्षित नहीं और क्यों रेलवे विभाग इस पर गंभीर नहीं है।आईए एक नजर डालते हैं इस हादसे की संभावित वजहों पर...
रेलवे ट्रैक का फ्रैक्चर होना: केवल हड्डियां ही फ्रैक्चर नहीं होती बल्कि रेलवे ट्रैक में भी फ्रैक्चर होता है। हर मेन लाइन जो ट्रंक रूट पर होती है उन पर अल्ट्रासोनिक वॉल डिटेक्शन होता है, जो कि गाड़ियों की वजह से ट्रैक पर होने वाले क्रेक प्वाइंट का पता लगाते हैं और उसको दुरूस्त कराते हैं। इसलिए यहां सवाल ये उठता है कि क्या कानपुर का पुखरायां रेल ट्रैक की जांच नहीं हुई थी?
रेलवे ट्रैक ओवर लोड: इंडियन रेलवे लोको रनिंग मेन ऑर्गेनाइज़ेशन के मुताबिक जब मालगाड़ियां अपने निर्धारित सीमा से ज्यादा वजन कैरी करती हैं तो इसकी वजह से ट्रैक में क्रैक पैदा होते हैं, हो सकता है कि अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस जिस ट्रैक पर से गुजरी उससे पहले कोई माल गाड़ी वहां से गुजरी जिसकी वजह स् ट्रैक में क्रेक आया।
बदनाम है कानपुर का पुखरायां रेल ट्रैक
पुखरायां रेल ट्रैक पर इससे पहले भी कई बार गड़बड़ियों की खबरें आयी हैं, शायद उन पर एक्शन नहीं हुआ जिसके कारण ये बार-बार हादसों का शिकार होता है। फिलहाल सवाल तो कई हैं , जिनका जवाब हर वो इंसान जानना चाहता है रेल मंत्री सुरेश प्रभु और उनके विभाग से, जिनके लोग इन हादसों के शिकार हुए हैं।