जेएनयू: अब एबीवीपी पर देश विरोधी नारे लगाने का आरोप
लखनऊ/नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में आनंद शर्मा पर ब्लेड से हमला हुआ तो सीधा शक भाजपा की युवा विंग एबीवीपी पर गया। कांग्रेसियों ने तो यहां तक कह डाला कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने देश-विरोधी नारे लगाये! सियासत के मैदान पर यह सब कौन कर रहा है, यह जानना इतना महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन इसके परिणाम कितने घातक हो सकते हैं, यह समझना ज्यादा जरूरी है।
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आनंद शर्मा ने खुद ही ये कहा कि जिस जगह उन पर हमला हुआ वहां अंधेरा था। पर, आरोप को महज इस आधार पर चिपका दिया गया क्योंकि वहां से कुछ दूर पर ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सभा चल रही थी। हालांकि एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आनंद शर्मा जब जेएनयू परिसर से निकल रहे थे तो उनके कान के पास खून नहीं नजर आया। न ही कपड़ों पर किसी तरह की सिलवटें नजर आईं।
मामले पर क्या बोली भाजपा
इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ड. मनोज मिश्रा ने कहा कि निश्चित तौर पर हमला निंदनीय है। फिर वो चाहे कांग्रेस के नेता पर हो या फिर बीजेपी नेता पर। हां आरोप लगाने से पहले तथ्यों की जांच कर लेना बेहद जरूरी है। महज आशंकाओं के हवाले से इस तरह के गंभीर आरोप नहीं मढ़े जा सकते।
सोशल मीडिया के जरिए भी ABVP पर लग रहे हैं आरोप
वहीं दूसरी ओर जेएनयू में देश विरोधी नारों के पीछे एबीवीपी का हाथ बताया जा रहा है। सोशल मीडिया के जरिए कुछ लोग वीडियो शेयर कर देश विरोधी नारों के पीछे चेहरों को एबीवीपी का सदस्य बता रहे हैं। जबकि मामले के बाद जवारहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू)में नारेबाजी के पीछे एआईएसएफ और एसएफआई छात्रों द्वारा देश विरोध नारे लगाए जाने की बात सामने आई थी। जिसका विरोध एबीवीपी के छात्रों द्वारा किया गया था।
जिस तरह से पूरे मामले को एक नया रंग दिया जा रहा है, उससे लोगों ने इस बात की कयास लगाना शुरू कर दिया है कि विपक्ष में बैठे सियासतदां एबीवीपी को बदनाम करना चाहते हैं।
देश विरोधी नारों का असली आरोपी और वजह कौन और क्या है, ये तो जांच का विषय है। जल्द ही पूरे मामले के असली सच को जनता के सामने लाना होगा। वरना यूं ही एक दूसरे पर महज आशंकाओं के हवाले से आरोप जड़े जाते रहेंगे। साथ ही जो असली आरोपी होंगे वो खुद को सुरक्षित महसूस करते रहेंगे।