अब जेडीयू में कलह, नीतीश ने शरद यादव के करीबी को किया बर्खास्त
जदयू में दो गुट के बीच मतभेद खुलकर सामने आए, शरद यादव के करीबी को किया गया बर्खास्त, गुजरात चुनाव में कानून तोड़ने का आरोप
नई दिल्ली। गुजरात चुनाव में जिस तरह से जदयू विधायक के कांग्रेस को वोट देने की खबरे सामने आई हैं उसके बाद जदयू के भीतर घमासान मच गया है। पार्टी ने अरुण श्रीवास्तव को महासचिव के पद से बर्खास्त कर दिया है। दरअसल अरुण श्रीवास्वत ने गुजरात राज्यसभा चुनाव के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर को पत्र लिखकर एजेंट घोषित करने को कहा था, लेकिन जदयू का कहना है कि उन्हें यह करने का अधिकार नहीं था, लिहाजा उन्हें बर्खास्त किया जाता है।
सामने आई जदयू में फूट
जदयू की ओर से केसी त्यागी ने जो पत्र अरुण श्रीवास्तव को लिखा है उसमे कहा गया है कि पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और आपको पार्टी के महासचिव के पद से बर्खास्त किया जाता है। अरुण श्रीवास्तव को शरद यादव का काफी करीबी माना जाता है। ऐसे में अब यह बात खुलकर सामने आ गई है कि जदयू में दो गुट बंट चुके हैं।
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भाजपा ने गरीबों दलितों के लिए कुछ नहीं किया
त्यागी ने अपने पत्र में लिखा है कि आपका यह कृत्य ना सिर्फ पार्टी विरोधी, अनुशासनहीनता है बल्कि विश्वासघात भी है। गुजरात में जदयू के एकमात्र विधायक छोटू वासवा ने दावा किया है कि उन्होंने अपना वोट कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को दिया है, उनका कहना है कि गुजरात में भाजपा की सरकार ने आदिवासियों और गरीबों के कुछ नहीं किया है।
नीतीश के विधायक ने दिया कांग्रेस का साथ
जदयू विधायक छोटू वासवा ने दावा कायि है कि कांग्रेस उम्मीदवार ऐसे समय में आए हैं जब पाटी ने बिहार में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली है। पार्टी ने महागठबंधन को तोड़ दिया। केसी त्यागी ने पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार के उस पत्र को दिखाया जिसे उन्होंने गुजरात चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर को लिखा था। इस पत्र में सिर्फ केसी त्यागी को इस बात का अधिकार दिया गया था कि वह एजेंट की घोषणा कर सकते हैं।
जदयू ने बताया गैरकानूनी
लेकिन इससे इतर अरुण श्रीवास्तव ने रिटर्निंग ऑफिसर को पत्र लिखकर एजेंट घोषित करने की बात कही। केसी त्यागी ने कहा कि यह गैरकानूनी है। आपको बता दें कि गुजरात राज्यसभा चुनाव में देर रात तक चले सियासी ड्रामे के बाद आखिरकार कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को जीत मिली और वह एक बार फिर से राज्यसभा पहुंचने में सफल हुए हैं।