मद्रास हाईकोर्ट ने जयललिता का बेटा होने का दावा कर रहे शख्स को भेजा जेल
मद्रास हाईकोर्ट ने जयललिता का बेटा होने का दावा कर रहे शख्स कृष्णामूर्थि को जेल भेजने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि उसने फर्जी दस्तावेज दिए।
चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस आर महादेवन ने आदेश दिया है कि उस शख्स को गिरफ्तार कर लिया जाए जो खुद को जयललिता का बेटा बता रहा है। तमिलनाडु के क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को रिपोर्ट देखने के बाद जज ने कहा कि कृष्णामूर्थि नाम का शख्स जिसने खुद को जयललिता का बेटा माने जाने के लिए याचिका दायर की थी, उसने अदालत को धोखा दिया और फर्जी दस्तावेज पेश किए।
जस्टिस माधवन ने कहा कि उसने ना केवल अदालत को धोखा दिया बल्कि फर्जी दस्तावेज भी दिए। इससे पहले 17 मार्च को हुई सुनवाई में जस्टिस माधवन ने कहा था कि मैं इस शख्स को सीधे जेल भेज सकता हूं। मैं पुलिसवालों से कहूंगा कि वो इस शख्स को इसी वक्त जेल लेकर जाएं।
ये था लड़के का दावा
कृष्णमूर्थि ने कोर्ट में कहा था कि वह पूर्व सीएम जयललिता और दिवंगत तेलुगु अभिनेता शोभन बाबू का बेटा है। उसने कोर्ट में कुछ दस्तावेज भी रखे थे जिससे साबित हो सके कि कथित तौर पर उसे गोद लिया गया था। कृष्णामूर्थिने कोर्ट से अपील की थी कि उसे तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता का बेटा घोषित किया जाए, जिससे कि वो उनकी संपत्ति का उत्तराधिकारी बन सके, इस संपत्ति में जयललिता का निवास स्थान पोएस गार्डन भी शामिल है।
इतना ही नहीं दावा करने वाले शख्स ने कोर्ट से मांग की थी कि डीजीपी को उसकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जरुरी निर्देश दिया जाए। कृष्णामूर्थिने जयललिता के करीबियों और एआईएडीएमके की महासचिव वीके शशिकला से अपनी जान को खतरा भी बताया था।
अदालत ने कहा था...
उन्होंने कहा था कि कृष्णामूर्थि ने जो दस्तावेज दिए हैं वो कहीं से प्रमाणित नहीं लगते हैं। उन्होंने जमा कराए गए दस्तावेजों को जाली करार दिया था। जस्टिस महादेवन ने कहा कि क्या लगता है कोई भी यूं ही आएगा और पीआईएल दाखिल कर लेगा?
याचिकाकर्ता का दावा था कि उसका जन्म 1985 में हुआ। इसके एक साल बाद इरोड के रहने वाले वसंतमणि नाम के शख्स के परिवार ने उसे गोद ले लिया। वसंतमणि के बारे बताया गया कि वो कथित तौर पर 80 के दशक में पूर्व सीएम एमजी रामचंद्रन के घर में काम कर चुका था।