जिन्होंने घोटालों से जुटाया कालाधन, वो आज नोटबंदी का विरोध कर रहे हैं: अरुण जेटली
पत्रकारों से बात करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चर्चा के दौरान यह महसूस हुआ कि विपक्ष की कोई तैयारी नहीं थी, वो बस चाहते थे कि पीएम चर्चा में शामिल हों।
नई दिल्ली। विमुद्रीकरण को लेकर पिछले नौ दिनों से लगातार ठप हो रही संसद में आज एक बार लगा कि गतिरोध खत्म हो जाएगा। पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान पहले तो पीएम मोदी मौजूद रहें और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को सुना। पर लंच के बाद जब फिर पीएम मोदी राज्यसभा की कार्यवाही में नहीं आए तो विपक्ष ने प्रधानमंत्री को फिर से बुलाने की मांग करते हुए हंगामा किया जिस पर सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
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बाद में सदन से बाहर आकर पत्रकारों से बात करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चर्चा के दौरान यह महसूस हुआ कि विपक्ष की कोई तैयारी नहीं थी, वो बस चाहते थे कि पीएम चर्चा में शामिल हों।
उन्होंने कि वो राजनीतिक पार्टियां जो एक समय सारे घोटालों में शामिल रही हैं, वो आज विमुद्रीकरण का विरोध कर रही हैं। जेटली ने कहा कि पूरा देश जानता है कि वर्ष 2004-2014 के दौरान सबसे ज्यादा घोटाले हुए और सबसे ज्यादा कालाधन जुटाया गया।
जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के गुरुवार को राज्यसभा में दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि जो घोटालों को बहुत बड़ी गलती नहीं बता सके, वो आज विमुद्रीकरण के फैसले के ऊपर उंगली बना रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि सदन में इतना शोर मच रहा है कि यह पता ही नहीं चल पा रहा कि विपक्ष कह क्या रहा है।
जेटली ने मायावती पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में जब चुनाव होगा तब उनकी पार्टी की दशा उन्हें अपने आप पता लग जाएगी।
विमुद्रीकरण के फैसले के बाद अभी तक आरबीआई गवर्नर के सामने आकर न बोलने पर जेटली ने कहा कि लोग ऑफिस में बैठकर नीतियां बनाने में जुटे हुए हैं। उन्हें इस बात से नहीं आंका जाना चाहिए कि वो कितनी बार कैमरे के सामने आ रहे हैं।
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