बेंगलुरु, कोलकाता के प्रोफेशनल्स आईएसआईएस की टॉप प्रियॉरिटी
नयी दिल्ली। दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी संगठन आईएसआईएस अपनी इकाईयों को मजबूत करने के लिये बेंगलुरु और कोलकाता के प्रोफेशनल्स को अपने जाल में फांसने के प्रयास कर रहा है। यह जाल कुछ हद तक दिल्ली में भी बिछाया गया है। आईएसआईएस के ये खतरनाक हेड हंटर्स (सिर कलम करने वाले) मौजूदा समय में इंटरनेट से दूरी बनाने का फैसला किया है।
अपने तरीकों में बदलाव लाने के पीछे आईएसआईएस का मानना है कि इंटरनेट से नजदीकी बहुत कुछ बताती है कि आईएसआईएस क्या कर रहा है? 40 साल से देश के कोने-कोने में फैले जेहादियों को इकट्ठा कर आईएसआईएस ने अफगानिस्तान के तौर पर एक फौज बनाने की सोची है। खुफिया विभागों ने इस बात की पुष्टि की है।
बैंगलूरू और कोलकाता में है आईएसआईएस के रिक्रुटर्स
दस्तावेजों की मानें तो हेड हंटर्स की एक बड़ी संख्या बैंगलुरू और कोलकाता में फैली है। आईटी हव होने के चलते बैंगलुरू को आईएसआईएस अपना सॉफ्ट टारगेट मानता है। इसके बाद कोलकाता को टारगेट करने के पीछे यह कारण है कि यहां बैठकर बांग्लादेश के युवकों को आसानी से फौज में भर्ती किया जा सकता है। हालांकि कोलकाता को आईएसआईएस ज्यादा तहरीज देता है। आईबी ने जो आशंका जताई है उसके मुताबिक बैंगलुरू और कोलकाता में कम से 25 हेड हंटर्स फैले हुए हैं। ये हेड हंटर्स अपने विचारों को प्रमोट करने में खासा निपुण होते हैं।
बड़ी नहीं है सफलता की कीमत
दस्तावेजों के मुताबिक आईएसआईएस सफलता के लिए ज्यादा उम्मीद भी नहीं रखता है। इसके लिए कारण कई हैं। इन सबके अलावा आईएसआईएस के हेड हंटर्स अफगानिस्तान में अपने नए विंग अल-खोरासन को तैयार करने में लगा है।
उंचाई की ओर इंडियन मुजाहिद्दीन
आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के आकाओं की गिरफ्तारी के बाद ऐसा माना जा रहा था कि आईएम अब खत्म होने की कागार पर आ गया है। लेकिन जो दस्तावेज मिले हैं उसके मुताबिक आईएम अपने संगठन में आईएसआईएस की मदद से लड़ाकों को भर्ती करने में जुड़ गया है। अंसर-ऊ-तवाहिद का शिर्ष सुल्तान अहमद के मुताबिक आईएम और आईएसआईएस भारी संख्या में भर्ती प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।