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सरकारी दामाद 'यादव सिंह' के लाॅकर से निकले गहरे राज

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नई दिल्ली। बसपा सरकार में मायावती के करीबी कहे जाने वाले नोएडा-ग्रेटर नोएडा के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह का पहला लाॅकर खोला जा चुका है। इनकम टैक्स के अधिकारियों ने यादव के पंजाब नेशनल बैंक स्थित लाॅकर की छानबीन की। यादव के लाॅकर से तमाम अधिकारियों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के नाम व करोड़ों के चंदे का ब्योरा मिला है। इतना ही नहीं लॉकर से शेयरों में निवेश की डीटेल्स, बोगस कंपनियों के दस्तावेज, 40 कंपनियों के रिकॉर्ड भी मिले हैं। शुक्रवार को यादव सिंह के 13 लॉकर नई दिल्ली, गाजियाबाद व नोएडा में सील किए गए थे। छानबीन के बीच यादव सिंह की योग्यता का भी खाता खुल गया। यूपी सरकार में गहरी पैठ रखने वाला यादव पूर्ण योग्यता के बिना ही सालों से चीफ इंजीनियर के पद पर जमा हुआ था।

yadav singh

बैंक में सर्च वारंट दिखा खातों की हुई छानबीन
सोमवार को इनकम टैक्स के अधिकारी पंजाब नेशनल बैंक का कामकाज खत्म होने के बाद पहुंचे। बैंक अधिकारियों के ना-नुकूर के चलते इनकम टैक्स अधिकारियों को सर्च वारंट दिखाना पड़ा। इसके बाद बैंक मैनेजर की उपस्थिति में यादव के लाॅकर की छानबीन की गई। लॉकर खोलने की प्रक्रिया तीन बजे से शुरू की गई। लॉकर से मिले दस्तावेज की आयकर अधिकारियों ने शुरुआती पड़ताल की। इसके बाद दस्तावेज का पंचनामा तैयार किया। इस सबमें करीब चार घंटे लगे।

बिल्डरों-अधिकारियों में हडकंप
बहाली के लिए दी रकम करोड़ों में थी। इससे लखनऊ के कुछ आईएएस अधिकारियों से लेकर नोएडा तक के अधिकारियों और बिल्डरों में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों का कहना है कि लॉकर खोलने की प्रक्रिया काफी लंबी है, ऐसे में बाकी 12 लॉकरों की पड़ताल करने में वक्त लगेगा। आयकर विभाग के डीजी इंवेस्टिगेशन कृष्णा सैनी भी एनसीआर में मौजूद हैं और पूरी प्रक्रिया की निगरानी खुद कर रहे हैं।

घर से मिले थे करोड़ों कीमत के हीरे
इनकम टैक्स अधिकारियों ने पहला छापा यादव सिंह के घर पर मारा था। जहां तमाम लग्जरी गाडि़यां खड़ी मिली। इतना ही नहीं
यादव सिंह के घर पर पड़ी इनकम टैक्स की रेड में 100 करोड़ की कीमत के हीरे, 10 करोड़ कैश, लगभग 2 किलो सोना व जरुरी दस्तावेज बरामद हुआ।

सत्ता में गहरी पैठ और करोड़ों के चंदे के बल पर यादव की वापसी

यादव सिंह की नोएडा में चीफ इंजीनियर के पद पर बहाली के पीछे भी लंबी कहानी है। जानकारी के अनुसार सत्ता और करोड़ों के चंदे के मजबूत गठजोड़ के चलते यादव बहाल हुआ था। सीबी.सीआईडी जांच बंद होने के बाद एक सीनियर आईएएस के माध्यम से यादव सिंह की बहाली की डील तय हुई थी। पूरे खेल को दिल्ली के पांच सितारा होटल में बैठकर अंजाम दिया गया। एक बड़े राजनेता की पैरवी अधिकारियों और प्राधिकरण के कुछ इंजिनियरों का मजबूत गठजोड़ था। शासन में बैठे एक शीर्ष अधिकारी की मानें तो यादव सिंह बहाली के लिए नोएडा के कई इंजीनियरों ने करोड़ों का चंदा इक्ट्ठा किया था।

क्या है नियम
नोएडा अथॉरिटी के नियमों के मुताबिकए जूनियर इंजीनियर ;जेईद्ध से किसी शख्स को तभी असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर बनाया जा सकता है, जब उसके पास बतौर जेई कम से कम 15 साल का अनुभव हो। जबकि पीई के रूप में प्रमोट होने के लिए इंजीनियरिंग की डिग्री अनिवार्य है। लेकिन यादव सिंह के मामले में इन नियमों को ताक पर रखा गया।

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English summary
The Income Tax department will open bank lockers of Uttar Pradesh Chief Engineer Yadav Singh in at least 12 banks located in Noida, Delhi and Ghaziabad.
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