खाली गांव होते उत्तराखंड के, दिल्ली में ली गई सुध
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला)उत्तराखण्ड से हो रहे पलायन से उजड़ रहे गांवों को फिर से आबाद करने के लिए देश विदेश के शहरों में बस गये करीब एक करोड़ उत्तराखंडियों से अपने गांव व घर की सुध लेने का आवाहन करने के लिए राजधानीमें संसद भवन के उत्तराखण्ड पंचायत 2015 का आयोजन किया।
दिल्ली में रहने वाले 30 लाख उत्तराखण्डियों को इस कार्यक्रम में जोड़ने के उदेश्य से ही दिल्ली प्रदेश संयोजक मजदूर नेता विक्रम सिंह रावत व उनकी टीम ने इस पंचायत का आयोजन किया।
पंचायत का शुभारंभ
इस पंचायत में जहां संघ वरिष्ठ प्रचारकों के साथ बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड समाज के वरिष्ठ समाजसेवियों, साहित्यकारों, पत्रकारों, उद्यमियों व राजनेताओं ने भाग लिया। इस पंचायत का शुभारंभ पंचायत के मुख्य अतिथि भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किया। पंचायत में उत्तराखण्ड के तमाम सांसदों में केवल पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान सांसद भगतसिंह कोश्यारी ही पंचायत में सम्मलित हुए।
प्रतिभा पलायन
इस पंचायत में अपने विचार रखते हुए उत्तराखण्ड राज्य गठन के अग्रणी आंदोलनकारी संगठन‘ उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवसिंह रावत ने प्रतिभा के पलायन को वरदान बताते हुए कहा कि अगर पलायन वरदान नहीं होता तो आज अमेरिका का राष्ट्रपति ओबामा नहीं बनता नहीं कनाडा लघु पंजाब होता और दिल्ली लघु उत्तराखण्ड व भारत होता। पलायन वही दुखदाई है जो पलायन के बाद व्यक्ति अपनी जन्मभूमि को भूल जाता है।
पेट के लिए पलायन
देवसिंह रावत ने कहा कि यह सबसे बडा दुर्भाग्य है कि उत्तराखण्ड के लोगों को आज भी पेट के लिए पलायन करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड की तमाम सरकारों को कटघरे में लेते हुए कहा कि सरकारों ने इस हिमालयी प्रदेश के विकास के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार किया है। इसी के कारण यहां लोगों को न केवल रोजगार के लिए अपितु शिक्षा, यातायात व चिकित्सा आदि सुविधाओं से वंचित रहने के कारण पलायन के लिए मजबूर होना पड़ता है।
बड़े प्रयास
उत्तराखण्ड में पलायन से उजड़ रहे गांवों को फिर से आबाद करने के भागीरथी प्रयास के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक डा नित्यानंद के संरक्षण में दिल्ली में 3 मई को आयोजित की गयी।
उत्तराखण्ड प्रवासी पंचायत
उत्तराखण्ड प्रवासी पंचायत 2015 का आयोजन संघ समर्पित संस्था ‘उत्तरांचल उत्थान परिषद(पंजी) ने किया। देश विदेश में रहने वाले एक करोड़ उत्तराखण्डियों को अपने गांव व घर से जोड़ने के महत्वपूर्ण अभियान के तहत दिल्ली में यह पंचायत का आयोजन किया गया। इसके लिए इसकी जिम्मेदारी संघ के मजदूर संगठन से दशकों से जुडे रहने वाले वरिष्ठ मजदूर नेता विक्रम सिंह रावत को उत्तरांचल उत्थान परिषद का दिल्ली प्रदेश का संयोजक बनाया गया।