भारत ने लगाया ISIS पर बैन, हर शहर के डीएम को मिली स्पेशल पावर
नई
दिल्ली।
भारत
सरकार
ने
जब
दुनिया
के
सबसे
खतरनाक
आतंकी
संगठन
आईएसआईएस
पर
प्रतिबंध
लगाया
तो
ISIS
ने
खुशी
व्यक्त
की।
खैर
इस
प्रतिबंध
के
साथ
आईएसआईएस
पर
अनलॉफुल
एक्टिविटीज
प्रिवेंशन
ऐक्ट
1967
(यूएपीए)
लगा
दिया
गया
है।
यानी
अब
पकड़े
जाने
पर
इसी
के
तहत
कार्रवाई
की
जायेगी।
खैर
अभी
तक
आप
जानते
होंगे
कि
आतंकी
गतिविधियों
पर
सिर्फ
एनआईए
के
अधिकारी
ही
जांच
करते
हैं,
लेकिन
आज
हम
आपको
बतायेंगे
कि
इस
प्रतिबंध
के
साथ
आपके
शहर
के
डीएम
को
भी
एक
जिम्मेदारी
मिलेगी
और
विशेष
पावर
भी।
यूएपीए के अंतर्गत प्रतिबंध लगाने पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी कई सीमाओं से मुक्त हो जायेगी। महेंदी मसरूर बिसवास और आरिफ मजीद जैसे मामलों को हैंडल करना पहले बेहद मुश्किल था, लेकिन अब आसान होता दिख रहा है। पहले मुश्किल इसलिये था, क्योंकि इन दोनों ने भारत में कोई अपराध नहीं किया था। लेकिन यूएपीए के अंतर्गत कार्रवाई आसान होगी, क्योंकि दोनों ही आईएसआईएस से ताल्लुक रखते हैं।
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यही नहीं ऐसे संगठन जो आईएसआईएस का समर्थन करेंगे, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जायेगी। अब अगर कोई आईएसआईएस के झंडे लहरायेगा, उनके नाम की टीशर्ट पहनेगा, तो वो भी कठघरे में होगा।
इंडियन मुजाहिदीन और सिमी पर गिरेगी गाज
इंडियन मुजाहिदीन और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) जैसे संगठन जो आईएसआईएस से करीबी बढ़ा रहे हैं, एनआईए की जांच के दायरे में आ जायेंगे। यूएपीए के तहत इन संगठनों पर कार्रवाई करना और आसान होगा, यानी पुलिस के हाथ अब बंधे नहीं होंगे।
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डीएम को मिलीं विशेष पावर
अब अगर कोई मकान, दुकान या कोई अन्य संपत्ति पायी गई, जहां पर आतंकी गतिविधियां चलती पायी गईं, तो यूएपीए के अंतर्गत उन्हें भारत सरकार चिन्हित करेगी। चिन्हित संपत्तियों की सूची संबंधित शहर के जिलाधिकारियों को भेज दी जायेंगी। ऐसे में डीएम को विशेष रूप से उन जगहों पर नजर बनाये रखनी होगी।
ऐसे में डीएम के पास एक स्पेशल पावर होगी, जिसके अंतर्गत बिना अनुमति उस संपत्ति में प्रवेश करने वाले किसी भी शख्स को वो सीधे गिरफ्तार कर सकेगा। यानी अगर उस संपत्ति के अंदर किसी को जाना होगा, तो उसे डीएम की परमीशन लेनी होगी।
एनआईए व अन्य जांच एजेंसियां खुफिया एजेंसियों के साथ यह पता लगाने में जुटी हैं, कि कौन-कौन लोग आईएसआईएस से जुड़े हैं। या संपर्क साध रहे हैं। ऐसे लोगों की सूची भी संबंधित शहरों के डीएम को भेजी जायेगी। उसके अंतर्गत अगर वो व्यक्ति शहर छोड़ने के प्रयास करेगा, तो डीएम के पास उसे कभी भी गिरफ्तार करने की पावर होगी।
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