जम्मू और कोलकाता से व्हाट्स एप के जरिए आईएसआई को मिल रही थी जानकारी
जम्मू। देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गोपनीय जानकारी को पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के साथ शेयर कर रहे एक बीएसएफ जवान और चार संदिग्ध आईएसआई एजेंट्स को गिरफ्तार किया गया है। रविवार को जम्मू और कोलकाता में अलग-अलग घटनाओं में जासूसी गिरोह का पर्दाफाश किया गया है।
ज्वाइंट कमिश्नर क्राइम (क्राइम),रविंद्र यादव ने जानकारी दी कि जम्मू कश्मीर के राजौरी के रहने वाले कफैतुल्ला खान उर्फ मास्टर रजा (44) का पीछा किया गया। उसे जम्मू से भोपाल जाते वक्त नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। जबकि उसी जिले में सीमा सुरक्षा बल की खुफिया टुकड़ी में तैनात बीएसएफ के हेड कांस्टेबल अब्दुल रशीद को उसके घर से पकड़ा गया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राशिद खान ई-मेल, व्हाट्सएप और वाइबर नेटवर्क के जरिए जानकारियां भेजता था। मुख्य रूप से उसके पास सुरक्षा बलों की तैनाती और वायु सेना के अभियान से जुड़ा काम सौंप गया था।
यादव ने बताया कि खान पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) का हैंडलर है और रशीद उसका मुख्य सूत्र था। उनके द्वारा चलाए गए गिरोह को आईएसआई का समर्थन था।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान के इंटेलीजेंस ऑपरेटिव द्वारा प्रायोजित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के बारे में सूचना मिलने पर दिल्ली पुलिस की ब्राइम ब्रांच ने एक नेटवर्क तैयार किया। इस नेटवर्क ने कुछ संदिग्धों की पहचान की। गुरूवार को खान ट्रेन से जम्मू से भोपाल जाने वाला था।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पुलिस की एक टीम ने उसे पकड़ लिया और उसके पास से राष्ट्र की सुरक्षा पर असर डालने वाले दस्तावेज हासिल किये। पूछताछ के दौरान खान ने कहा कि वह राजौरी जिले के मजानकोट में एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पुस्तकालय सहायक के तौर पर काम करता है।
खान वर्ष 2013 में वह पाकिस्तान गया और आईएसआई के एजेंट के संपर्क में आया। वह पैसे के बदले में सैन्य बलों से जुड़ी सूचनाएं साझा करने पर सहमत हो गया।
उन्होंने बताया कि खान ने जल्द ही भारतीय सेना और बीएसएफ में सूत्रों को तलाशना शुरू कर दिया और उनमें से कुछ ने उसे कथित तौर पर गोपनीय दस्तावेज मुहैया कराने भी शुरू कर दिए।
पुलिस के अनुसार, सूचना अधिकतर ईमेल, व्हाट्सअप और वाइबर नेटवर्क के जरिए भेजी जाती थी। पीआईओ ने खान को विशेष रूप से सुरक्षा बलों की तैनाती और वायुसेना के अभियानों की जिम्मेदारी सौंपी। वह जासूसी रैकेट में और लोगों को भर्ती करने के लिए भोपाल जा रहा था।
हेड कांस्टेबल राशीद उसका रिश्तेदार था और खान ने पाकिस्तान में आईएसआई एजेंट से मिली कमीशन की राशि में से कुछ हिस्सा देकर उसे भी जल्द ही नेटवर्क में शामिल कर लिया।
पुलिस ने तुरंत राशीद के राजौरी जिले में स्थित घर पर छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया तथा उसके परिसर से और गोपनीय दस्तावेज बरामद किए गए।