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Interview: कांग्रेस की कमान संभालने के लिए राहुल हैं तैयार

By Vicky Nanjappa
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नयी दिल्ली। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ऐसे वक्त पर छुट्टी जब कि संसद में देश का बजट पेश किया जा रहा है। अहम वक्त पर संसद ने उनकी अनुपस्थिति पर सवाल उठाए जा रहे हैं। भले ही कांग्रेस उनकी अनुपस्थिति को लेकर दलील पर दलील दे रही हो, लेकिन बजट सत्र के दौरान प्रमुख विरोधी दल के अहम नेता की गैरमौजूदगी उनपर सवाल दागने के लिए काफी है।

rahul gandhi

राहुल की छुट्टी पर पार्टी की दलील है कि राहुल छुट्टी नहीं मना रहे हैं बल्कि वो पार्टी के चिंतन कर रहे हैं। भविष्य के लिए योजनाएं तैयार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि छुट्टी से वापसी के बाद राहुल पार्टी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। पार्टी में राहुल गांधी की स्थिति पर वनइंडिया से बात की पार्टी के पूर्व सांसद मधु याक्षी गौड़ ने, जो कांग्रेस पार्टी के आतंरिक सदस्यों में से एक हैं।

संसद से राहुल की अनुपस्थिति को लेकर लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं। ऐसे में आपका क्या सोचना हैं?

लोग बात का बखेड़ा बना रहे हैं, जबकि राहुल की अनुपस्थिति कोई बड़ा मुद्दा नहीं हैं। वो पार्टी के अध्यक्ष नहीं है कि उनकी उपस्थिति अनिवार्य हो। वो पार्टी के उपाध्यक्ष है। उन्होंने छुट्टी ली और मैं इसमें कुछ गलत नहीं मानता। कांग्रेस के पास सोनिया गांधी जैसी एक्जिट अध्यक्ष है। अगर राहुल पार्टी अध्यक्ष होते और तब अनुपस्थित होते तो मैं समजा कि ये कोई मुद्दा है। कई ऐसे सांसद है तो सत्र के दौरान सदन से गायब रहते हैं। मेरा बस यही कहना है कि राहुल गांधी छुट्टी पर नहीं है बल्कि वो काम कर रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष पद संभालने के लिए वो खुद को तैयार कर रहे हैं।

क्या आप राहुल के काम करने के तरीके को पसंद करते हैं?

सबका काम करने का तरीका अलग-अलग होता है। मेरा मानना है कि वो सही रास्ते पर है। ये कहना गलत होगा कि उनका काम करने का तरीका गलत है। जब सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला तो उनकी भी लोगों ने आलोचना की थी, लेकिन उन्होंने यूपीए सरकार को बखूबी संभाला और पार्टी को जीत दिलाई। ऐसे में मेरा मानना है कि राहुल को लेकर आपको चिंतिंत होने की जरुरत नहीं हैं।

क्या वो पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं?

हां वो पूरी तरह से इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार है। सच मानिए वो रिलेक्स नहीं है जितना की आप लोग सौचते है। वो इस वक्त बी काम पर है। वो हर वक्त अपने भविष्य के कामों को लेकर योजनाएं बनाते रहते हैं। उन्हें थोड़ा वक्त दीजिए और फिर उन्हें जज कीजिए।

महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली के रिजल्ट आने के बाद भी क्या आप मानते हैं कि तैयार हैं?

जिन राज्यों का नाम आप ले रहे हैं वहां के नतीजे उनके हार के परिणाम नहीं हैं। उम्मीदवारों के चयन और राज्यों के नेताओं को कैंपेन की दी गई जिम्मेदारी की वजह से वो हार हुई। वो हारे इसलिए कांग्रेस हारी। वो राहुल गांधी की हार नहीं थी।

राज्यों के चुनाव परिणामों को छोड़ दें, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनावों का क्या?

अगर आप 2014 के लोकसभा चुनावों की बात करते हैं तो मैं 2009 के लोकसभा चुनाव नतीजों का जिक्र करना चाहुंगा जहां सिर्फ राहुल गांधी की बदौलत कांग्रेस को भारी जीत मिली थी। 2014 के चुनाव में राहुल गांधी ने अपना बेस्ट दिया, लेकिन यूपीए सरकार की गलतियों की वजह से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। जो नतीजें आए वो सरकार की गलतियों की वजह से ना कि राहुल गांधी की वजह से।

क्या आपको लगता है कि राहुल के मुकाबले प्रियंका गांधी बेहतर च्वाइंस हैं?

राहुल को जज करने के पहले उन्हें थोड़ा वक्त दीजिए। प्रियांका गांधी भी पूरी तरह से पार्टी की गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं। वो हमेशा अपने भाई और अपनी मां के पीछे खड़ी रहती है। आप उन बातों पर ध्यान ना दें जिसमें ये कहा जा रहा है कि कांग्रेस राहुल और प्रियंका को लेकर दो भागों में बंटी हुई है। कांग्रेस का हर कार्यकर्ता राहुल गांधी को लेकर खुश हैं।

अगर पार्टी में सब खुश हैं तो जयंती नटराजन ने पार्टी क्यों छोड़ी?

राहुल गांधी के साथ शुरुआत करें तो वो कबी भी पार्टी में गैर संवैधिनक तरीके से पेश नहीं आते। वो अपने पद को लेकर गंभीर है। बात जयंती नटराजन की करें तो उन्होंने पार्टी की विचारधारा को छोड़ा है। वो अपना भविष्य कहीं और तलाश रही हैं। जब वो मंत्रिमंडल में थी तब भी राहुल उन्हें सलाह दिया करते थे। जयंती नटराजन के खिलाफ कई शिकायतें आई थी। अफसरों के तबालदे को लेकर उनके खिलाफ शिकायते पहुंची थी।

राहुल गांधी के अध्यक्ष पद संभालने के बाद आप उनसे क्या आसा करते हैं?

राहुल गांधी को लेकर पार्टी को बहुत सी आशाएं है। वो पार्टी के भविष्य को बदलेंगे। मैंने उनके साथ 10 सालों तक काम किया है। मैंने देखा है कि कैसे उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनाव में यूपीए की जीत को डिजाइन किया था। उनके भीतर लीडरशिप की क्वालिटी है।

कब राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालेंगे?

ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अगले सत्र में राहुल के नाम की घोषणा की जा सकती है। इससे पहले की आप मुझसे कुछ पूछे मैं आपको बता दूं कि कांग्रेस में हर कोई राहुल गांधी के इस फैसले को लेकर खुश हैं।

तो क्या इसका मतलब ये है कि सोनिया गांधी प्रत्यक्ष राजनीति ने रिटायरमेंट ले रही हैं?

पार्टी में हर कोई चाहते है कि सोनिया गांधी पार्टी का हिस्सा बनीं रहीं। वो पार्टी के लिए मार्गदर्शक का काम करेंगी। वो हमेशा पार्टी के लिए मौजूद रहेगी और हमें गाइट करेंगी।

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English summary
In the interview with Oneindia Madhu Yaskhi Goud the former member of Parliament speaks extensively about the future of the Congress party and goes on to add that Rahul Gandhi is ready to take over.
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