30 साल से फैला असम में ऐसा विद्रोह जिसमें मारे गए 8000 लोग
असम शुक्रवार को असम के कोकराझार में हुई हिंसा के चलते 14 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, वहीं 20 से अधिक लोग घायल हो गए है। अभी यह नहीं पता चल पाया है कि इस हमले के पीछे असल में कौन लोग हैं। पर असम में हिंसा का दौर आज से नहीं चल रहा है। 30 साल से असम के अंदर ऐसा विद्रोह फैला हुआ है कि अभी तक वहां पर हुई हिंसा में ही 8000 लोगों की मौत हो चुकी है।
असम में कई विद्रोही गुट पहले ही राज्य और केंद्र सरकार की नाक में दम कर चुके हैं। हिंसा के जरिए सरकार से लड़ने वाले एक दर्जन से भी ज्यादा की संख्या में विद्रोही संगठन इस क्षेत्र में अपनी स्वायत्तता मांग रहे हैं। पूर्वोत्तर के सात राज्यों के लोगों को ऐसी ही हिंसा का वीभत्स रूप देखते को मिला है।
सरकारी तथ्यों पर जाएं तो पता चलता है कि असम में फैली हिंसा में अब तक 4,268 नागरिक, 824 सुरक्षाबलों और 3,120 आतंकियों की मौत हुई है। पिछले तीन दशकों से फैली भीषण हिंसा का दौर आज भी जारी है।
असम
में
विद्रोहियों
के
हमले
असम
के
कमरूप
जिले
में
मुख्य
न्यायिक
मजिस्ट्रेट
के
पास
रिमोट
कंट्रोल
से
विस्फोट
कर
हमला
किया
गया।
इस
हमले
में
22
लोग
मारे
गए
और
30
से
ज्यादा
घायल
हो
गए।
1 जनवरी, 2009 को असम में तीन ब्लास्ट हुए। यह बम विस्फोट लोकोप्रिया गोपीनाथ बॉरडोलोई टीबी अस्पताल के निकट हुआ। इस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई और 50 लोग घायल हो गए।
6 अप्रैल, 2009 को असम में दो बम फटे। यह बम एक मोटरसाइकिल में लगाए गए थे। इस घटना में 7 लोगों की मौत हो गई थी और 60 लोग घायल हो गए थे।
8 नवंबर, 2010 को एनडीएफबी विद्रोहियों ने बक्सा, कोकराझर और सोनितपुर में हमले कर 19 लोगों को मार डाला था।
22 सितंबर, 2013 को संदिग्ध उग्रवादियों ने नेशनल हाइड्रोक्लोरिक पॉवर कॉरपोरेशन के जनरल मैनेजर का अपहरण कर लिया।
3 नवंबर, 2013 को गारो उग्रवादियों ने सात लोगों को मार डाला और अन्य 9 लोगों को घायल कर दिया। यह घटना असम गोलपारा जिले की है। इस वारदात को उग्रवादियों ने दीवाली के दिन अंजाम दिया था।
23 नवंबर, 2014 को एक बम विस्फोट में दो लोगों की मौत और 28 लोग घायल हो गए। यह बम विस्फोट उल्फा ने किया था। यह बम विस्फोट राजगढ़ के डिब्रूगढ़ में हुआ था।
23 दिसंबर, 2014 में बोडो उग्रवादियों ने कई हमले करके 34 लोगों को मार डाला था।
5 दिसंबर, 2015 कम क्षमता के बम विस्फोट में चार लोग घायल हो गए थे। यह बम गुवाहटी के फटा था।