क्या तमिलनाडु के सियासी संकट में भाजपा की है अहम भूमिका?
तमिलनाडु की राजनीति में क्या भाजपा निभा रही है दरवाजे के पीछे से अहम भूमिका, आखिर कैसे भाजाप के लिए तमिलनाडु की राजनीति अहम है।
नई दिल्ली। तमिलनाडु की राजनीति में जिस तरह से उठापटक का दौर जारी है, पनीरसेल्वम व शशिकला के बीच सीधी लड़ाई शुरु हो गई है। लेकिन राजनीतिक गलियारों में जो चर्चा चल रही है उसकी मानें तो इस पूरे विवाद के पीछे भारतीय जनता पार्टी का हाथ है और दरवाजे के पीछे से भाजपा इस लड़ाई में अहम भूमिका निभा रही है। पनीरसेल्वम को हमेशा से ही जयललिता के करीबी के रूप में माना जाता था और वह उनके लिए बहुत ही विश्वसनीय नेता था, इसी के चलते हर बार जब जयललिता को मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा तो उन्होंने पनीरसेल्वम को ही सीएम की कमान सौंपी थी। लेकिन जिस तरह से जयललिता के निधन के बाद पनीरसेल्वम ने मोर्चा खोला है उसके पीछे माना जा रहा है कि भाजपा की अहम भूमिका है।
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का बाद पनीरसेल्वम ने चेन्नई में अम्मा के समाधि स्थल मरीना पर पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराया जिसे देखकर हर कोई स्तब्ध रह गया। माना जा रहा है कि पनीरसेल्वम को भाजपा का समर्थन मिल रहा है। वनइंडिया ने कई भाजपा नेताओं से इस बारे में बात की, लेकिन उन लोगों का कहना है कि भाजपा का इस पूरे प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं है, हालांकि इन नेताओं का कहना है कि वह शशिकला की जगह पनीरसेल्वम को सीएम देखना पसंद करेंगे। एक अन्य नेता का कहना है कि तमिलनाडु में जो विवाद चल रहा है उसपर प्रधानमंत्री मोदी पैनी नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री भी शशिकला की तुलना में पनीरसेल्वम के साथ हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक करना चाहिए था इंतजार
भाजपा का मानना है कि शशिकला के पास बहुत सी मुश्किले हैं, सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है, अगर कोर्ट का फैसला उनके खिलाफ आता है तो शशिकला को मुख्यमंत्री के पद से हटना पड़ेगा, ऐसे में अगले मुख्यमंत्री के चयन में पार्टी को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली में एक अन्य भाजपा नेता का कहना है कि हमें नहीं पता कि पार्टी को क्या जल्दबाजी है, शशिकला को कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक इंतजार करें, हमने भी उनसे कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही वह इस बारे में अपना फैसला लें, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी। एक अन्य सूत्र का कहना है कि शशिकला ने पनीरसेल्वम पर संदेह करना शुरु कर दिया था, ऐसे में पार्टी पर अपनी पकड़ मजबूत करने से पहले ही शशिकला पनीरसेल्वम को किनारे लगाना चाहती हैं, ऐसे माना जा रहा है कि इसी के चलते शशिकला ने आनन-फानन में पनीरसेल्वम को हटाने का फैसला लिया।
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राज्यसभा
का
नंबर
गणित
हालांकि
भाजपा
के
नेता
का
कहना
है
कि
हमें
एआईएडीएमके
की
अंदरूनी
राजनीति
पर
कुछ
नहीं
कहना
है,
हम
चाहते
हैं
कि
तमिलनाडु
की
राजनीति
में
स्थिरता
बनी
रहे,
अगर
प्रदेश
में
राजनीतिक
संकट
बढ़ता
है
तो
प्रदेश
के
लिए
काफी
मुश्किलें
खड़ी
हो
सकती
हैं।
पार्टी
के
पास
लोकसभा
में
कुल
37
व
राज्यसभा
में
कुल
13
सीटें
हैं
ऐसे
में
भाजपा
के
लिए
राज्यसभा
में
एआईएडीएमके
काफी
अहम
साबित
हो
सकती
है,
लिहाजा
जो
भी
नेता
पार्टी
की
कमान
संभालेगा
वह
भाजपा
के
लिए
काफी
अहम
है।