जानिये कैसे चलता था जवाहर बाग में पागलपन का खेल
लखनऊ। मथुरा हिंसा में पुलिस ने कई ऐसी जानकारियां साझा की हैं जिससे यह साफ हो जाता है कि कैसे स्वाधीन भारत विधिक सत्यागृह किस तरह से धर्म के नाम पर अपना धंधा चला रहा था। जवाहर बाग में लोगों की बकायदा हथियारों संग ट्रेनिंग होती थी।
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हाल ही में पुलिस ने चंदन बोस को गिरफ्तार किया है जिसपर जवाहर बाग में अवैध कब्जे के दौरान पुलिस की हत्या का आरोप है। चंदन बोस ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि जवाहर बाग में सभी लोगों से कहा गया था कि पुलिस का सामना करें और उसपर हमला करे।
चंदन बोस ने बताया कि जवाहर बाग में महिला और बच्चों का भी इस्तेमाल किया गया था। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि जवाहर बाग में रामबृक्ष और अन्य नेताओं को लगता था कि पुलिस इनपर हमला नहीं करेगी। जिस वक्त पुलिस ने जवाहर बाग में रामबृक्ष जैसे नेताओं को पकड़ने की कोशिश कर रही थी इस दौरान 29 लोगों की मौत हो गयी थी।
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क्या था जवाहर बाग के भीतर
चंदन बोस ने पुलिस से पूछताछ के दौरान बताया कि जवाहर बाग में हर एक सदस्य को एक जिम्मेदारी दी गयी थी। कैंप के भीतर काम करने वाले लोगों की पहले चांज की जाती थी कि वो क्या कर सकते हैं। जवाहर बाग के भीतर ऐसे लोग थे जो इन लोगों की क्लास लेते थे और इन्हें हथियार चलाने की ट्रेनिंग देते थे।
आगे की पूछताछ में चंदन बोस ने कहा कि कैंप के भीतर डाक्टर भी थे। कैंप के भीतर कुल 2500 लोग थे, कैंप के भीतर ट्रेनिंग देने वाले काफी सख्त थे और लोगों को बाहर नहीं जाने की सख्त निर्देश दिये गये थे। वहीं जब कुछ लोगों ने कैंप के बाहर जाने की इच्छा जाहिर की तो इन लोगों ने यह समझाया कि पुलिस कभी भी महिला और बच्चों पर हमला नहीं करेगी।
जवाहर बाग में आने वाले फंड के बारे बताते हुए चंदन बोस ने खुलासा किया कि यहां रहने वाले फंड इकट्ठा करने में सबसे ज्यादा मदद करते थे जबकि फॉलोवर्स को वापस जाने की अनुमति थी। खेती के मौसम में लोगों को गांव जाने की इजाजत थी। इन लोगों से अपनी फसल की कमाई का एक हिस्सा संस्था को देने को भी कहा जाता था।