क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

I&B मंत्रालय के विज्ञापन से गायब समाजवादी और सेक्यूलर, उठा विवाद

Google Oneindia News

नयी दिल्ली। सरकार के गणतंत्र दिवस विज्ञापन को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। विवाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के विज्ञापन पर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल गणतंत्र दिवस के मौके पर मंत्रायल के विज्ञापन में संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी और सेक्यूलर शब्द ग़ायब हैं। ऐसे में विपक्ष ने इसे मुद्दा बना लिया है। इस विज्ञापन को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

ib advertisment

आपको बता दें कि सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय के विज्ञापन में संविधान की प्रस्तावना दी गई है, लेकिन 1976 में 42वें संविधान संशोधन के जरिए जोड़े गए समाजवाद और सेक्यूलर शब्द नदारद हैं, क्योंकि विज्ञापन में पुरानी प्रस्तावना ही दी गई है।

मंत्रालय के इस विज्ञापन पर विरोधी दल कांग्रेस ने सवाल उठा दिया है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इस पर एतराज़ जताते हुए कहा कि संविधान की प्रस्तावना से सोशलिस्ट और सेक्यूलर शब्द हटा दिए गए। क्या इनकी जगह कम्यूनल और कार्पोरेट शब्दों को डाला जाएगा?

मामला बढ़ता देख बाजपा ने सफाई दी है कि गलती जानबूझ कर नहीं की गई है। सूचना प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सफाई देते हुए कहा कि सेक्यूलर और सोशलिस्ट शब्द नहीं दिख रहे हैं। ये दोनों शब्द 1976 में किए गए संशोधन के बाद आए हैं। राठौर ने कहा कि इसका मतलब ये कहना कतई नहीं है कि उससे पहले की सरकार सेक्यूलर नहीं थी।

Comments
English summary
An advertisement on the occasion of Republic Day, issued by the Information and Broadcasting Ministry, using an image of the preamble of the Indian Constitution without the words socialist and secular has triggered a controversy.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X