325 करोड़ की लागत से बने भारत के 8 भूतिया एयरपोर्ट
नयी दिल्ली। 2 साल पहले राजस्थान के जैसलमेर में एक एयरपोर्ट बनाया गया। लेकिन उसे आज तक कोई उड़ान नसीब नहीं हुई। 3 लाख सालाना यात्रियों की क्षमता रखने वाले इस एयरपोर्ट को करीब 111 करोड़ रूपए की लागत से तैयार किया गया था। लेकिन यहां न तो कोई यात्री आया है और न ही किसी विमान ने यहां से उड़ान भरी है।
भारत में साल 2009 से अब तक करीब 326 करोड़ की लागत से 8 एयरपोर्ट बनाए जा चुके हैं, लेकिन इन्हें एक भी शेड्यूल्ड फ्लाइट नसीब नहीं हो सकी है। भारत के यह घोस्ट टर्मिनल्स पिछली कांग्रेस सरकार के वक्त में बनाए गए। ऐसे में जब बिहार में एक रैली के दौरान जब पीएम मोदी ने 4 नए एयरपोर्ट का ऐलान किया तो माना जा रहा है कि देश में इन घोस्ट एयरपोर्ट की संख्या अभी और बढ़नी तय है।
कांग्रेस सरकार के राज में बनाए गए थे इन एयरपोर्ट्स को इन योजना के तहत बनाया गया था कि ज्यादा लोग हवाई यात्रा कर सकें और सुदूर इलाकों को भी जोड़ा जा सके। लेकिन उनकी ये योजना रखी ही रह गई और ये एयरपोर्ट भूतिया एयपोर्ट्स में बदल गए।
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण द्वारा संचालित 100 में से आधे घरेलू उड़ान भरने वाले एयरपोर्ट पर इस साल एक भी निर्धारित फ्लाइट नहीं आई है। स्पाइसजेट लिमिटेड के सीईओ के मुताबिक सरकार को ये समझना चाहिए कि बस एयरपोर्ट बना देने भर से हमारा वहां जाना सुनिश्चित नहीं हो जाता। बता दें कि इस एयरलाइन ने दक्षिण भारत की मैसूर सिटी में सिर्फ इसलिए जाना बंद कर दिया क्योंकि वहां पर्याप्त मांग नहीं बन पा रही थी।