लद्दाख में फुस हुई चीन की दादागिरी, भारतीय जवानों के सामने दुम दबाकर भागे चीनी सैनिक
नई दिल्ली। डोकलाम के बाद अब चीन नए विवाद को जन्म देने में लग गया है। ताजा मामला पूर्वी लद्दाख के पश्चिम सेक्टर में का है, जहां लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हुई। इस दौरान पत्थरबाजी भी हुई। सूत्रों का कहना है कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की। हालांकि सीमा पर तैनात जवानों ने घुसपैठ को को नाकाम किया ही, इसके साथ चीनी सैनिकों को उनकी सीमा में भगा दिया।
आधे घंटे तक रहा टकराव
मिली जानकारी के अनुसार जब चीनी सैनिक घुसपैठ में नाकाम हो गए तो उन्होंने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस दौरान भारतीय सैनिकों ने भी पत्थरबाजी का मुंहतोड़ जवाब दिया हाालंकि दोनों ओर से 2-2 सैनिकों के घायल होने की भी खबर है। दोनों ओर से यह टकराव करीब आधे घंटे तक चलता रहा।
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भारतीय सैनिकों ने कोशिश नाकाम कर दी
अधिकारियों ने जानकारी की चीनी सेना पीपुल लिबरेशन आर्मी के सैनिक फिंगर फोर और फिंगर 5 में मंगलवार (15 अगस्त) को सुबह 6 से 9 के बीच भारच की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे लेकिन दोनों ही जगह भारतीय सैनिकों ने कोशिश नाकाम कर दी। चीनी सैनिक फिंगर फोर इलाके में घुसने में सफल हो गए तो सैनिकों ने उन्हें वापस उनकी सीमा में भगा दिया।
सेना का टिप्पणी से इनकार
चीनी सैनिकों को जब भगा दिया गया तो उन्होंने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके बाद भारतीय सेना के जवानों ने भी पत्थरबाजी शुरू कर दी। पत्थरबाजी में दोनों ओर के 2-2 सैनिक घायल हुए हैं। बता दें कि इस इलाके पर भारत और चीन अपना-अपना दावा करते हैं। समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) के अनुसार इस पूरी घटना पर भारतीय सेना के प्रवक्ता ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
ये है वो झील
बता दें कि साल 1990 के आखिरी में बातचीत के दौरान जब भारत ने इस इलाके पर दावा किया था तो चीनी सेना यहां सड़क बना कर इसे अक्साई चीन का हिस्सा बता दिया था। बता दें कि चीनी सेना झीले के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र में आती रही है। फिलहाल इस इलाके में अमेरिका से खरीदी गई स्पीड बोड के साथ भारतीय जवान निगरानी करते हैं। इस झील का 45 किलोमीटर का हिस्सा भारत में हैं जबकि 90 किलोमीटर का हिस्सा चीन में।
डोकलाम का मसला
गौरतलब है कि डोकलाम में भी चीन सड़क निर्माण कर रहा था जिसे भारतीय सैनिकों ने रोक दिया था। बीते 16 जून से ही वहां गतिरोध बरकरार है। एक ओर जहां भारत इस मामले को बातचीत से हल करने की बात कर रहा है वहीं दूसरी ओर चीनी मीडिया लगातार युद्ध की धमकी दे रही है।