समुद्र में दुश्मनों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनेगा आईएनएस किलटन, नौसेना में शामिल हुआ युद्धपोत
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नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण आज नौसेना को बड़ा तोहफा दिया। रक्षामंत्री पनडुब्बी को मार गिराने वाली क्षमता के युद्धपोत आईएनएस किलटन को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया। नौसेना के नौसैनिक डॉकयार्ड से जो बयान जारी किया है उसमे कहा गया है कि कमोरटा क्लास श्रेणी के चार युद्धपोत में से यह तीसरा युद्धपोत है, इसका निर्माण 28 के अंतर्गत हुआ है। जब यह पनडुब्बी नौसेना में शामिल की जाएगी तो उस दौरान नौसेना के प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा और तमाम मेहमान मौजूद रहेंग। नौसेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि इस नौसेना को डायरेक्टोरेट ऑफ नेवल ने डिजाइन किया है, इसका निर्माण कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने किया है। यह युद्धपोत शिवालिक क्लास, कोलकाता क्लास, आईएनएस कामोरता और आईएनएस कदमात के बाद सबसे खतरनाक युद्धपोत है। आईएनएस किलटन देश का सबसे घातक युद्धपोत है और इसमे घातक हथियारों के अलावा सेंसर भी लगे हैं।
काफी हल्का है युद्धपोत
इसके अलावा इसके ढांचे में कार्बन फाइबर लगा है, जिसकी वजह से इस युद्धपोत का वजन काफी कम है और इसका रखरखाव का खर्च भी काफी कम होगा। दुश्मनों पर यह युद्धपोत काफी भारी साबित होगा, इसमें टारपीडो के साथ एएसडब्लू रॉकेट लगे हैं, 76 एमएम कैलिबर के मीडियम रेंज की बंदूक लगी है, दो मल्डी बैरल 30 एमएम गन की शस्त्र प्रणाली से भी यह युद्धपोत लैस है।
राडार सिस्टम भी मौजूद
इस युद्धपोत में अग्नि नियंत्रण प्रणाली, मिसाइल तैनाती रॉकेट, एडवांस इलेक्ट्रानिक सपोर्ट मेजर सिस्टम सोनार के साथ रडार रेवती भी लगा है। इस युद्धपोत में एएसडब्लू हेलीकॉप्टर व सैम प्रणाली को भी तैनात किया जाएगा। इस युद्धपोत का नाम अमिनिदिवि समूह के तमाम द्वीपों में से एक द्वीप के नाम पर रखा गया है।
परमाणु हमले करने में भी सक्षम
इस विमान में तमाम हथियार और तकनीक को भारत में तैयार किया गया है, लिहाजा यह भारत की ताकत को भी दर्श्ता है, आज नौसेना बाड़े में शामिल होने के साथ ही यह पूरी तरह से किसी भी वक्त दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है। इस विमान का वजन 3500 टन है, जबकि इसकी लबाई 109 मीटर और उंचाई 14 मीटर है। इसमे चार डीजल इंजन के प्रोपेल लगे हैं जोकि इसे 25 नॉट की रफ्तार देते हैं। यह विमान 81 फीसदी देशी तकनीक से बना है, साथ यह युद्ध के समय यह युद्धपोत परमाणु हमले, जैविक, रासायनिक हमले में भी सक्षम है।
178 सेलर होंगे तैनात
इस युद्धपोत को एएसडब्लू के चार युद्धपोतों जिसका बजट 7800 करोड़ रुपए है, उसके तहत तैयार किया गया है। प्रोजेक्ट 28 के अन्य युद्धपोत आईएएनएस कामारोटा, आईएएनएस कदमात पहले से ही नौसेना के बाड़े में शामिल हैं। इस युद्धपोत में 14 नौसेना के अधिकारी के अलावा 178 अन्य सेलर सवार रहेंगे।
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