भारत के डीजीएमओ ने किया पाक डीजीएमओ को फोन, पुंछ की घटना पर सुनाई खरी-खरी
भारत के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) कृष्णा घाटी पुंछ की घटना के बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ को किया कॉल और पुंछ की घटना को बताया चिंताजनक।
नई दिल्ली। पुंछ की कृष्णा घाटी में सोमवार को भारतीय जवानों के शवों के साथ जो बर्बरता हुई, उसके 24 घंटे बाद भारत के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) ने पाकिस्तान के डीजीएमओ को कॉल किया। डीजीएमओ ने पाक डीजीएमओ के साफ कर दिया है कि एक मई को जो घटना हुई है वह काफी चिंताजनक है।
भारत की ओर से दिया जाएगा जवाब
डीजीएमओ ने अपने पाक समकक्ष को कॉर करके कहा कि पीओके के बाट्टाल के विपरीत स्थिति कृष्णा घाटी में एक मई को जो कुछ भी हुआ वह काफी चिंताजनक है। यहां पर पाकिस्तान की सेना ने एलओसी पर मौजूद भारतीय सेना की पेट्रोल टीम को निशाना बनाया और दो जवानों के शवों को क्षत-विक्षत कर दिया। तरन तारन पंजाब के रहने वाले जेसीओ नायब सूबेदार परमजीत सिंह का सिर काट कर पाक सैनिक अपने साथ ले गए थे। डीजीएमओ ने पाक डीजीएमओ को यह बात भी साफ कर दी कि इस कुकृत्य को करने के लिए पाकिस्तान सेना की उस इलाके में स्थित पोस्ट की ओर से पूरा कवर दिया गया था। उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर की कि पीओके में एलओसी के एकदम पास बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) के ट्रेनिंग कैंप्स हैं और उनकी टीम मौजूद है। डीजीएमओ ने साफ कर दिया है कि यह काम मानवता की सारी हदों को पार करता है और इसका जवाब दिया जाएगा।
पाकिस्तान ने किया इंकार
पाकिस्तान सेना की मीडिया शाखा आईएसपीआर यानी इंटर-सर्विसेल पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) की ओर से कहा गया है, 'पाकिस्तान सेना ने एलओसी पर कोई भी युद्धविराम नहीं तोड़ा है जैसा कि भारत की ओर से दावा किया जा रहा है। भारत ने भारतीय सैनिकों के शवों को क्षत-विक्षत करने का आरोप भी लगाया है। यह आरोप भी झूठा है।' बयान में आगे कहा गया है, 'पाकिस्तान की सेना दुनिया की बहुत ही प्रोफेशनल सेना है और यह कभी किसी सैनिक का अपमान नहीं करेगी।' सोमवार को क्रूरता की सारी हदों को पार करते हुए पाकिस्तान सेना ने भारतीय सेना के एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के एक हेड कॉन्स्टेबल के शवों के साथ निर्ममता की थी। पाकिस्तान सेना ने इस काम के लिए बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) को भी मदद मुहैया कराई थी। बैट की टीम सीमा पार करके भारतीय सीमा के करीब 250 मीटर अंदर तक दाखिल हो गई थी। यह घटना पुंछ की कृष्णा घाटी में हुई थी।